Khabarwala 24 News New Delhi : Kidney Disease Symptoms आपके घर में पानी साफ करने वाला फिल्टर तो होगा ही। आपने निश्चित ही उसे पानी को छानने के लिए लगाया होगा, ताकि साफ पानी पी सके। साफ पानी आपकी सेहत को सही रखता है। सोचिए हम पानी के फिल्टर को लेकर इतना चिंतित हो जाते हैं कि अगर कभी वो अचानक खराब हो जाए, तो बिना फिल्टर पानी को 1 दिन भी पीना नहीं पसंद करते हैं। किडनी तो फिर हमारे शरीर का एक अंग है। यह अंग बाकि सभी ऑर्गेन्स की ही तरह जरूरी होता है। पानी के फिल्टर की तरह इसे भी शरीर का नेचुरल फिल्टर कहते हैं। किडनी और सेहत को बढ़ावा देता है।
बाहर नहीं निकल पाते टॉक्सिन्स (Kidney Disease Symptoms)
जब किडनी डैमेज होने लगती है, उससे में टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते हैं, जिस वजह से उनका स्तर शरीर में बढ़ने लगता है। इससे आगे चलकर क्रोनिक किडनी डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है। हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनिया की 10% आबादी किडनी डिजीज से पीड़ित है। भारत में हुए शोध में भी क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीजों की संख्या में 5 से 19 साल के लोग अधिक थे। डॉक्टर सौबीर की माने तो बढ़ता प्रदूषण भी किडनी डिजीज में इजाफा कर रहा है।
भारत में ज्यादा पाए जा रहे केस (Kidney Disease Symptoms)
पीएसआरआई अस्पताल, कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन डॉक्टर सौबीर घोष बताते हैं कि आजकल CKD के मरीज सबसे ज्यादा कम उम्र के बच्चे हैं। भारत में यह मामले सबसे ज्यादा पाए जा रहे हैं, जो कि देश के उज्जवल भविष्य के लिए सही नहीं है। इनमें 5 से 19 साल के बच्चे और किशोर शामिल है। पॉल्यूशन, सिडेंट्री लाइफस्टाइल और परिवार में पहले से मौजूद बीमारी की वजह से ऐसा हो रहा है।
बिगड़ रही किडनी की सेहत (Kidney Disease Symptoms)
शरीर में पानी का जमाव होना, जिस कारण हाथ-पैरों में सूजन हो जाती है। फेफड़ों में पानी भरने से भी किडनी डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर का स्तर अप-डाउन होने से भी किडनी डिजीज का रिस्क बढ़ रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि बच्चों को भी बीपी इश्यूज हो रहे हैं। खून में पोटेशियम बढ़ने और हड्डियों से कैल्शियम घटने पर भी किडनी स्टोन्स हो सकते हैं।
किडनी से होने वाली समस्याएं? (Kidney Disease Symptoms)
किडनी खराब होने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। किडनी का इसमें खास रोल होते हैं क्योंकि यह अंग खून को फिल्टर करने का काम करता है। हृदय रोगों का जोखिम भी किडनी प्रॉब्लम्स की वजह से बढ़ जाता है और गर्भावस्था की समस्याएं भी इस प्रॉब्लम से बढ़ जाती है। नर्वस सिस्टम पर भी खराब किडनी का प्रभाव पड़ता है।
करें डैमैज किडनी की पहचान? (Kidney Disease Symptoms)
1. गहरे रंग का पेशाब (Kidney Disease Symptoms)
किडनी खराब होने पर पेशाब का रंग गाढ़ा और गहरा आता है। कई बार इसमें खून भी आ सकता है। पेशाब करने में मुश्किल, दर्द और बार-बार यूरिन पास करने की समस्या हो सकती है।
2. पैरों-टखनों में सूजन (Kidney Disease Symptoms)
किडनी जब सही से काम नहीं करती है, तो शरीर के अंदर पानी जमा होने लगता है। इस वजह से शरीर में सूजन होने लगती है। यह पैरों और टखनों में सबसे ज्यादा सूजन पैदा करती है।
3. थकान (Kidney Disease Symptoms)
जब किडनी का स्वास्थ्य सही नहीं होता है, तो हमारे शरीर में ऑक्सिजन सप्लाई भी सही से नहीं होती है। अगर ऑक्सिजन का सप्लाई अवरोध करेगा, तो ऑटोमेटिकली बॉडी में कमजोरी और थकान पैदा होने लगती है।
4. सांस लेने में परेशानी (Kidney Disease Symptoms)
फेफड़ों में पानी भरना भी खराब किडनी का साइन है। अगर लंग्स में वाटर कंटेंट बढ़ता है, तो रेस्पिरेटरी हेल्थ पर असर पड़ता है। उससे हृदय की गति तेज होने लगती है और सांस लेने में भी तकलीफ होती है।
5. खराब पाचन (Kidney Disease Symptoms)
किडनी की खराबी पाचन क्रिया पर भी असर डालता है। अगर यह सही नहीं है तो आपको पेट में दर्द, गैस, अपच और उल्टी-दस्त की समस्या रहती है।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। Khabarwala24 News की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।