Khabarwala 24 News New Delhi : Kundan Homestay पत्थर, लकड़ी और मिट्टी से बना यह पारंपरिक हिमाचली होमस्टे कुंदन सिंह का है। वैसे तो यह उनके पूर्वजों का घर है, लेकिन आज अपनी मेहनत और मेहमान नवाज़ी से कुंदन, उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चे, यानी पूरा परिवार इसे बखूबी चला रहे हैं। वे यहाँ देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट्स का स्वागत करते हैं और उन्हें अपने परिवार का ही हिस्सा बना लेते हैं।
देसी और लोकल तरीके से रहने के लिए होमस्टे (Kundan Homestay)
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपने छुट्टी पर जाने का प्लान किया हो, देसी और लोकल तरीके से रहने के लिए होमस्टे बुक किया हो और वहां पहुंचकर होमस्टे में आपको होटल जैसी सुविधाएं मिलें या होस्ट परिवार कहीं और रहता हो और आपको स्टाफ के भरोसे ठहरना पड़े। ऐसे में होमस्टे में रहने का मतलब ही क्या।
कुल्लू की जीवनशैली से हो सकते हैं परिचित (Kundan Homestay)
लेकिन हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बसे काईस गाँव में स्थित कुंदन होमस्टे अपने मेहमानों को होमस्टे का एक बेहतरीन अनुभव देता है। यहाँ आकर आप घर की तरह रह सकते हैं, घर का खाना खा सकते हैं और कुल्लू की लोकल जीवनशैली से परिचित हो सकते हैं।
देश-विदेश से टूरिस्ट्स का स्वागत कर रहा (Kundan Homestay)
पत्थर, लकड़ी और मिट्टी से बना यह पारंपरिक हिमाचली होमस्टे कुंदन सिंह का है। कुल्लू से लगभग 8 किलोमीटर दूर बना यह घर वैसे तो उनके पूर्वजों का है, लेकिन आज अपनी मेहनत और मेहमान नवाज़ी से पूरा परिवार यहाँ देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट्स का स्वागत कर रहा है।
यहां लोग मेहमान नहीं, परिवार का ही हिस्सा (Kundan Homestay)
कुंदन, उनकी पत्नी कला और उनके तीन बच्चे यानी इनकी मेजबानी इतनी अच्छी है कि यहाँ ठहरने वाले लोग मेहमान नहीं, परिवार का ही हिस्सा बन जाते हैं। इसलिए यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि कुंदन होमस्टे, घर से दूर अपने मेहमानों का एक पहाड़ी घर है।