Thursday, November 21, 2024

Lawrence Bishnoi पूर्व इंस्पेक्टर ने खोले एक-एक राज, कहा-इसलिए लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर नहीं किया गया

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Khabarwala 24 News New Delhi : Lawrence Bishnoi एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी के हत्या के बाद से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई महाराष्ट्र में सुर्खियों में बना हुआ है। लॉरेंस बिश्नोई को पांच बार गिरफ्तार करने वाले चंडीगढ़ के पूर्व इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह ने कई खुलासे किए हैं।

उन्होंने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई जो कभी कॉलेज का छात्र था और कैंपस राजनीति में शामिल था। वह आज इतना बड़ा गैंगस्टर कैसे बन गया? दरअसल, बिश्नोई का क्राइम की दुनिया में आना कैंपस राजनीति से शुरू हुआ, लेकिन पिछले कुछ सालों में उसने न सिर्फ गिरोह के संचालन का विस्तार किया, बल्कि क्रूर हत्याओं से लेकर जबरन वसूली रैकेट और हथियारों की तस्करी के पीछे मास्टरमाइंड की भूमिका भी निभाई।

कब और क्यों गिरफ्तार हुआ था लॉरेंस (Lawrence Bishnoi)

पूर्व इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह ने बताया कि 2010-11 की बात है, इनकी पार्टी SOPU थी, जिसके प्रेसिडेंट विक्की मिद्दुखेड़ा का झगड़ा होने की वजह से वो कस्टडी में था। इसी दौरान लॉरेंस ने सेक्टर-11 चंडीगढ़ में बाहर जिनसे झगड़ा हुआ था। उनकी गाड़ियों को आग लगा दी थी। इसके बाद इस मामले में उसकी पहली बार गिरफ्तारी हुई थी तब वह हमारी कस्टडी में एक दिन रहा और फिर न्यायिक हिरासत 12-13 दिन रहने के बाद बाहर आ गया था।

कभी अंकल, भाई, कभी सर कहता था (Lawrence Bishnoi)

उन्होंने बताया कि जब पहली लॉरेंस गिरफ्तार हुआ था तो सलमान खान को लेकर उसकी कोई रंजिश नहीं थी। उस समय वो सिर्फ छात्र राजनीति की वजह से उसकी पार्टी जो कहती थी, वो करता था। वो उस समय एक छोटे बच्चे की तरह था। पुलिस के पकड़ने पर कभी अंकल कहता था। कभी भाई कहता था। कभी सर कहता था। हालांकि, जब वो कई बार जेल आया गया तो उसमें बहुत तेजी से परिवर्तन हुए और उसके लिंक भी बढ़ते गए।

राजनीति करने वाला युवा गैंगस्टर बना (Lawrence Bishnoi)

पूर्व इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह ने बताया कि लॉरेंस उस समय अपने गांव से चंडीगढ़ आया था। ऐसे में उसको लगता था कि मैं अच्छा दिखाई दूं, लेकिन तब इसको ब्रांडेड कपड़े पहनने का शौक नहीं था। वहीं जब ये 5वीं 6वीं बार अरेस्ट हुआ तो इसके कपड़ों में थोड़ा बदलाव आना शुरू हो गया था। लॉरेंस जब बार-बार जेल जाता रहा तो जेल में कुछ ऐसे कैदी थे, जिन्होंने बहुत बड़े बड़े क्राइम कर रखे थे।

5-6 बार जेल जा चुका था लारेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi)

अमनजोत सिंह ने आगे बताया, उनको लगा कि इस लड़के में कुछ बात है। उस समय ये लगातार 5-6 बार जेल जा चुका था तो उन्होंने इसको यूज करना शुरू कर दिया। उन्होंने इसको अपने ग्रुप में ले लिया, क्योंकि उन्हें पता था कि ये छोटे केस में अंदर आया है। इसके बेल तो हो ही जाएगी। इसके बाद वो लोग इसे छोटे-मोटे काम देने लग गए, जिससे इसका रुतबा बाहर बढ़ने लगा।

लॉरेंस को इस गैंगस्टर का सपोर्ट मिला (Lawrence Bishnoi)

लॉरेंस जब जेल में गया तो इसकी रंजीत सिंह डुपला से मुलाकात हुई। रंजीत उस समय जसविंदर सिंह रॉकी का करीबी था। उसी ने इसकी मुलाकात रॉकी से करवाई थी। रॉकी मुख्तार अंसारी ग्रुप के साथ जुड़ा हुआ था और बड़ा गैंगस्टर था। रॉकी फिरोजपुर के फाजिल्का का रहने वाला था और लॉरेंस अबोहर का रहने वाला था। गांव आसपास होने की वजह से दोनों क्लोज हो गए। इसके बाद जसविंदर सिंह रॉकी (रॉकी फाजिल्का) को उसने अपना गुरु बना लिया।

गोल्डी बराड़ से कब हुई थी मुलाकात (Lawrence Bishnoi)

पूर्व इंस्पेक्टर ने बताया कि गोल्डी बराड़ से लॉरेंस का कोई लेना-देना नहीं था। वो पंजाब यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट था। ये सारे एक साथ थे। गुरुलाल गोल्डी का कजिन था, तो जब गुरलाल का मर्डर हुआ तब गोल्डी उसका बदला लेने के लिए सामने आया। लॉरेंस को गोल्डी पहले से जानता था और फिर दोनों मिल गए। इस तरह ये लोग स्टूडेंट पॉलिटिक्स से गैंगस्टर बने और फिर वापस नहीं लौटे।

लॉरेंस को बनना था कुख्यात गैंगस्टर (Lawrence Bishnoi)

अमनजोत सिंह ने बताया कि शुरू-शुरू में तो वो कुछ भी नहीं था एक सीधा-सादा लड़का था लेकिन, लॉरेंस जब 5वीं-6वीं बार अरेस्ट हुआ तो उसने ये बात कहनी जरूर शुरू कर दी थी कि देखना अब मुझे 7-8 राज्यों की पुलिस मुझे ढूंढा करेगी। उन्होंने बताया कि रंजीत सिंह डुपला ही शुरुआती दिनों में लॉरेंस को हथियारों की सप्लाई किया करता था। हालांकि, अब रंजीत भागकर अमेरिका जा चुका है।

लॉरेंस के एनकाउंटर का सवाल आया (Lawrence Bishnoi)

हमारे पुलिस डिपार्टमेंट की कुछ लिमिटेशन होती है। हमें कानून के दायरे में रहकर काम करना होता है। वो दायरा क्या है कि किसी बंदे ने क्राइम किया तो हमने उसे जेल में भेज दिया। अब उसके बाद सुप्रीम कोर्ट है, लेकिन उनका भी एक दायरा है। वो भी फांसी नहीं दे सकते, क्योंकि स्टेट में एक कानून चलता है। हमने अपना काम कर दिया। हमें किसी की जान लेने का अधिकार नहीं है। अगर हम जान लेते हैं तो हम भी क्राइम के दायरे में आएंगे और हम जेल जाएंगे।

दवाब में सिद्धू मूसेवाला को मारा (Lawrence Bishnoi)

लॉरेंस ने कई लड़ाई-झगड़े किए हैं, फायरिंग की है, लेकिन उसने अभी तक किसी की हत्या नहीं की है। अमनजोत सिंह ने कहा कि लॉरेंस के कॉलेज के साथी विक्की मिद्दुखेड़ा का जब मर्डर हुआ तो उसे लगने लगा कि इस मर्डर के पीछे सिद्धू मूसेवाला का हाथ है। साथ ही लॉरेंस और विक्की में नजदीकी होने की वजह से लोग भी कहने लगे कि इतना बड़ा गैंगस्टर होकर तूने क्या कर लिया। अब लॉरेंस पर दबाव था कि वो बदला ले और आखिरकार उसने ले लिया।

लॉरेंस ने जेल में ही बनाया नेटवर्क (Lawrence Bishnoi)

लॉरेंस कई राज्यों की जेलों में जा चुका है। वो 8-9 सालों से जेल में ही है. उसका जेल टू जेल ट्रांसफर हो रहा है। हर जेल में रहने के कारण अब इसका नेटवर्क इतना स्ट्रांग हो गया है कि हर शहर में उसका बंदा है। साथ ही वो भी चाहता है कि हर शहर में उसका बंदा, ताकि वो अपना काम करवा सके। रेकी करवा सके। बता दें लॉरेंस का असली नाम बालकरन बरार उर्फ बल्लू है। लॉरेंस का जन्म पंजाब के फिरोजपुर में 12 फरवरी 1990 को हुआ था। पिता पंजाब पुलिस में थे।

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