Friday, April 18, 2025

Mukhtar Ansari को उम्रकैद, सजा सुनते ही बाहुबली ने पड़कर लिया माथा, दिखी टेंशन

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Mukhtar Ansari Khabarwala 24 News Varanasi : 32 साल पहले वाराणसी में अवधेश राय की सनसनीखेज हत्‍या के मामले में अदालत ने बाहुबली मुख्‍तार अंसारी तो उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ साथ उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। एक अन्य धारा में उसपर 20 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न चुका पाने की स्थिति में मुख्तार को छह महीने और सजा भुगतनी होगी।

सजा सुनाए जाने के दौरान मुख्‍तार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बांदा जेल से जुड़ा था। उसने पहले खुद को बेगुनाह बताया फिर अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की गुहार लगाई। जैसे ही कोर्ट ने मुख्तार को दोषी करार दिया, उसकी बेचैनी बढ़ गई. उसके चेहरे पर तनाव देखने को मिला। टेंशन के चलते उसने अपना माथा पकड़ लिया।

अब तक गुनाह की सबसे बड़ी सजा मिली

अपने गैंग के जरिए दशकों तक पूर्वांचल में आतंक मचाने वाले माफिया Mukhtar Ansari को अपने गुनाहों की अब तक की सबसे बड़ी सजा मिली है। मुख्‍तार को 50 से ज्‍यादा मुकदमे होने के बावजूद दशकों तक किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया जा सका था। लेकिन पिछले एक साल के दौरान ही उसे चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। साल 1991 के अवधेश राय हत्‍याकांड में बाहुबली का ऐसा हिसाब हुआ है कि अब उसकी सारी उम्र जेल में ही कटनी तय हो गई है।

Mukhtar Ansari को उम्रकैद, सजा सुनते ही बाहुबली ने पड़कर लिया माथा, दिखी टेंशन

32 साल पहले हुई थी सनसनी खेज वारदात

32 साल पहले 3 अगस्त 1991 को अवधेश राय की वाराणसी के लहुराबीर इलाके में उनके छोटे भाई अजय राय के सामने सनसनीखेज हत्‍या कर दी गई थी। मारुति वैन पर सवार होकर आए बदमाशों ने अवधेश राय पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। अजय राय ने अपने सामने भाई को गोलियों से छलनी होता देखा तो मुंह से चीख निकल पड़ी। वह कुछ समझ पाते इसके पहले ही बदमाश वहां से भाग निकले। अजय राय ने वैन का पीछा भी किया। वारदात स्‍थल से कुछ ही दूरी पर स्थित चेतगंज थाने से कोई बाहर नहीं निकला। अजय राय और आसपास मौजूद लोग खून से लथपथ अवधेश राय को लेकर नजदीकी निजी अस्‍पताल पहुंचे जहां डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया।

अजय राय ने दर्ज कराया था मुकदमा

अजय राय ने इस मामले में मुख्‍तार के अलावा पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश और अन्‍य बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। मुख्‍तार के खिलाफ वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में केस चल रहा था। मामले में दो आरोपियों की मौत हो चुकी है। जबकि दो आरोपियों का मामला प्रयागराज जिला न्‍यायालय में लंबित है।

अवधेश राय हत्‍याकांड में मुख्‍तार को उसके किए की सजा दिलाने के लिए अजय राय और उनके परिवार को 32 साल तक संघर्ष करना पड़ा। सोमवार को मुख्‍तार को दोषी ठहराए जाने के बाद उनके भाई अजय राय ने कहा कि यह 32 साल की हमारी तपस्‍या का फल है। उन्‍होंने उन वकीलों और समर्थकों के प्रति आभार जताया जो मुश्किल वक्‍त में उनके साथ खड़े रहे। अजय राय ने अदालत पर पूरा भरोसा जताया। उन्‍होंने कहा कि 32 साल से हमारा पूरा परिवार, भईया की बेटी, माता-पिता सभी इस घटना से दुखी रहे। आज बहुत संतोष रहा कि इस मामले में न्‍याय हुआ है।

Mukhtar Ansari

राय परिवार की मजबूत पैरवी, 12 गवाहों की गवाही, आई काम

अवधेश राय हत्‍याकांड में मुख्‍तार अंसारी को सजा के मुकाम तक पहुंचाने में 12 गवाहों की गवाही और अजय राय के परिवार की मजबूत पैरवी बहुत काम आई। इस मामले में मुख्‍तार अंसारी ऑरिजनल फाइल तक गायब करा चुका था जिसे लेकर उस पर अलग से केस दर्ज किया गया था। अजय राय ने कहा कि मुख्‍तार अंसारी गिरोह ने विभिन्‍न मामलों में गवाहों को धमकाकर, खरीदकर, फाइलें गायब कराकर और तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर खुद को सजा से बचाए। यह निश्चित ही हम लोगों के 32 साल के संघर्ष और तपोबल का परिणाम है कि मुख्‍तार को उसके किए की सजा मिल पाई है।

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