Hapur News Khabarwala 24 News Hapur: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम कोर्ट ने एक व्यक्ति की हत्या करने के मामले में बृहस्पतिवार को निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायाधीश ने छह आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषियों पर अलग-अलग धनराशि का अर्थदंड भी लगाया है।
क्या है मामला
अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता नरेश चंद शर्मा ने बताया कि बाबूगढ़ थाने में गांव बिगास निवासी परमानंद यादव ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें उसने कहा कि उसका पुत्र राजवीर उर्फ बबलू 17 मार्च 2012 रात लगभग नौ बजे घर से खाना खाकर घेर में सोने के लिए चला गया। अगले रोज सुबह को वह घर वापस नहीं आया। जिस पर उन्होंने उसे घेर पर जाकर खोजा तो पाया कि उनके पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। जिसका शव कमरे में पड़ा हुआ है। शव को जानवरों ने कुछ क्षतिग्रस्त भी कर दिया था। उन्होंने बताया कि एक माह पहले मेरे घर से विद्युत मोटर चोरी हो गया था। जिसको लेकर उनके पुत्र ने गांव के ही फुल्लू उर्फ धर्मेंद्र पुत्र रामपाल यादव, कलुआ पुत्र मनवीर, बड्डू पुत्र धनसिंह, सजयं पुत्र रामचंद्र बाल्मीकि, रामचंद्र पुत्र खचेडू बाल्मीकि व बच्चू पुत्र सरदार पर मोटर चोरी का आरोप लगाते हुए उनकी शिकायत की थी। जिसके बाद यह लोग उनके घर पर आए और रिपोर्ट वापस लेने के लिए उनके पुत्र से कहा। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी थी। इसलिए उक्त लोगों द्वारा ही उनके पुत्र की हत्या की गई है।
पुलिस ने उक्त लोगों के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किए। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम कोर्ट में चल रही थी। उनके द्वारा न्यायालय में मजबूत पैरवी की गई है। जिसके चलते उनके द्वारा अभियोजन पक्ष की तरफ से 11 गवाह न्यायालय में पेश किए गए। साथ ही आरोपियों के खिलाफ कई बड़े साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किए।
न्यायाधीश का निर्णय
न्यायाधीश विपिन कुमार द्वितीय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बृहस्पतिवार को मामले में निर्णय सुनाया। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि यह प्रकरण काफी गंभीर है। अभियुक्त फुल्लू उर्फ धर्मेंद्र, कलुआ, बड्डू, सजयं, रामचंद्र व बच्चू ने एक राय होकर राजवीर की हत्या की है। यह अपराध एक जघन्य अपराध है। किंतु प्रकरण विरल से विरलत की श्रेणी में नहीं आता है। ऐसे में उपरोक्त सभी अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा के दंडादेश से दंडित किया जाता है। साथ ही दोषी संजय पर सोलह हजार व अन्य पांच दोषियों पर 11-11 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।