Khabarwala 24 News Hapur: Lok Sabha Chunav 2024 समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी रणनीति के तहत प्रत्याशी घोषित कर दिया है। मेरठ-हापुड़ सीट से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानुप्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है।वह दलित समाज से हैं । इसके चलते पार्टी की रणनीति दलित व अल्पसंख्यक मतदाताओं को साथ लेकर चलने की है।कांग्रेस और सपा के गठबंधन से दलित व अल्पसंख्यक मतदाताओं के साथ आने की उम्मीद बढ़ी है।
दलित मतदाताओं पर ली है निगाह (Lok Sabha Chunav 2024)
ऐसे में बसपा के सामने दलित मतदाताओं को सपा की पकड़ से बचाने के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि बसपा किसी गैर दलित प्रत्याशी पर दाव लगा सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि बसपा रविवार को अपने प्रत्याशी का एलान कर सकती है। वहीं भाजपा अभी स्थिति पर निगाह रखे हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि भाजपा भी जल्द प्रत्याशी घोषित करेगी।
अल्पसंख्यक व दलित मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका ((Lok Sabha Chunav 2024))
मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर अल्पसंख्यक व दलित मतदाताओं की संख्या महत्वपूर्ण भूमिका में है।कई राजनीतिक दल जातिगत आधार पर मतदाताओं को अपना वोट बैंक मानते हैं, जबकि कई अन्य विचारधारा के आधार पर मतदाताओं में अपनी पकड़ रखते हैं। यूपी में सपा और कांग्रेस अल्पसंख्यक मतदाताओं को अपने वोट बैंक के रूप में मानती रही है। वहीं बसपा दलित मतदाताओं पर अपना वोट बैंक होने का दावा करती है।चुनाव के लिए प्रत्याशियों का एलान भी जाति को ध्यान में रखकर किया जाता है।
सपाई और कांग्रेसी उत्साहित (Lok Sabha Chunav 2024)
सपा और कांग्रेस का गठबंधन होने से इस बार दोनों ही पार्टियों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उत्साहित हैं। ऐसे में अच्छे प्रदर्शन का दावा किया जा रहा है। मेरठ-हापुड़ सीट सपा के हिस्से में आई है। ऐसे में सपा से टिकट की दावेदारी दो कद्दावर नेता योगेश वर्मा और अतुल प्रधान दावेदारी ठोक रहे थे। अतुल प्रधान जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं और सरधना से विधायक हैं। उनकी दावेदारी को मजबूत माना जा रहा था। वह तेज-तर्रार भाजपा नेता संगीत साेम को हराकर विधायक बनें थे। वहीं योगेश वर्मा हस्तिनापुर सीट से विधायक रह चुके हैं। उनकी पत्नी भी मेरठ की महापौर रही हैं।
गैर दलित पर दांव अजमा सकती है बसपा
सपा से विधायक अतुल प्रधान व योगेश वर्मा की दोवदारी में पार्टी उलझी हुई थी। इसी बीच दलित समाज के कद्दावर समाजसेवी व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानुप्रताप सिंह को सपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया। एेसी स्थिति में बसपा को अपने दलित वोट बैंक को बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। वहीं सपा दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं के बल पर मजबूत दावेदारी पेश कर रही है।माना जा रहा है कि अब बसपा किसी गैर दलित प्रत्याशी पर दाव अाजमाएगी। माना जा रहा था कि बसपा दलित या अल्पसंख्यक वर्ग को प्रत्याशी को प्राथमिकता देगी, लेकिन सपा के दलित प्रत्याशी को टिकट देने से बसपा की रणनीति बदल सकती है।
भाजपा भी जल्द खोलेगी पत्ते
सूत्रों के अनुसार बसपा अपने प्रत्याशी का एलान रविवार को कर सकती है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बसपा का प्रत्याशी घोषित करने के बाद ही भाजपा अपने पत्ते खोलेगी। भाजपा में वैश्य वर्ग से मजबूत दावेदारी मानी जा रही है, लेकिन बसपा के प्रत्याशी के एलान के बाद इसमें बदलाव भी हो सकता है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि भाजपा किसी सेलीब्रिटी को भी अपना प्रत्याशी बना सकती है। इसमें टीवी धारावाहिक रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल, नामचीन कवि कुमार विश्वास, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, वरिष्ठ वैश्य नेता विनीत अग्रवाल शारदा, विधायक अमित अग्रवाल, संजीव कुमार गोयल सिक्का आदि का नाम चर्चाओं में है। भाजपा अपने प्रत्याशी के नाम का एलान सोमवार तक कर सकती है।