Lok Sabha Elections 2024 Khabarwala24 News Lucknow : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश में काबिज भाजपा से लेकर विपक्षी सपा, कांग्रेस, बसपा समेत सभी दलों ने अपनी तैयारी जोरशोर से शुरू कर दी है। सपा, कांग्रेस जहां 23 जून को पटना में विपक्षी एका की पहली बैठक के बाद अगले महीने शिमला में होने वाली दूसरी बैठक की तैयारियों में लगी है। वहीं बसपा भी अपने भावी उम्मीदवारों को लेकर मंथन में जुटी है। सूत्रों के अनुसार सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को एक-एक क्षेत्र में स्थानीय समीकरणों की समीक्षा करने और इसी आधार पर उम्मीदवार फाइनल करने का निर्देश दिया है। इस बार दलित-मुस्लिम समीकरणों पर बसपा का खासा जोर रहना है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी सुप्रीमो ने यह भी कहा है कि उम्मीदवार गैर विवादित, साफ-सुथरी छवि और शिक्षित होने चाहिए।
बताया गया है कि बसपा सुप्रीमो ने अपने वरिष्ठ नेताओं से कहा है कि उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव करने से पहले यह जरूर देखें कि वह कहीं आपराधिक प्रवृति का न हो। सूत्रों के मुताबिक बसपा के कोआर्डिनेटर अंदर ही अंदर ऐसे उम्मीदवारों की तलाश में जुट गए हैं। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा सिर्फ एक सीट पर अपनी जीत दर्ज करा पाई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव बसपा ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन करके लड़ा था। इस चुनाव में बसपा के हिस्से में सिर्फ 10 सीटें आई थीं जबकि सपा सिर्फ पांच सीटों पर जीत सकी थी। 2019 के चुनाव में कांग्रेस को भी यूपी में तगड़ा झटका लगा था। तब भाजपा ने राहुल गांधी की पारंपरिक सीट अमेठी भी कांग्रेस से छीन ली थी। पार्टी सिर्फ एक सोनिया गांधी की रायबरेली सीट जीत सकी थी। ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस मुकाबले में भी नहीं दिखी थी। भाजपा ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 62 सीटों पर उसे जीत मिली थी।
अब फिर एक बार लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने को है तो सभी दल अपनी-अपनी तैयारी में जुट गए हैं। मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजे सामने आने के बाद आरोप लगाया था कि समाजवादी पार्टी के वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हुए। इसी आधार पर उन्होंने गठबंधन तोड़ भी दिया था। अब फिर एक बार लोकसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं । फिलहाल, बसपा ने किसी से गठबंधन के संकेत नहीं दिए हैं। सपा, भाजपा और कांग्रेस मायावती तीनों पर हमला बोलती रहती हैं। हालांकि अंदर ही अंदर पार्टी अपनी तैयारी भी कर रही है। पार्टी का पूरा जोर अभी उम्मीदवारों के चयन पर है। हाल ही में मायावती ने कोआर्डिनेटरों की बैठक करके संगठन की मजबूती के लिए जुट जाने का आह्वान किया था। उन्होंने पार्टी नेताओं को बूथ कमेटियों की मजबूती के लिए कार्य करने के निर्देश दिए हैं।