Lok Sabha News Khabarwala24 News New Delhi: अमरोहा गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के सांसद कुंवर दानिश अली ने मानसून सत्र के पहले दिन संसद में भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के मंत्री से विमान टिकटों की कीमतों में भारी वृद्धि के ऊपर प्रश्न पूछा था।
सांसद कुँवर दानिश अली ने कहा है कि सरकार एयरलाइन कंपनियों को खुली छुट दे रखी है जिसके कारण ये कंपनियां अपनी मनमानी करते हुए कीमतों में वृद्धि करती है; एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं हवाई चप्पल पहनने वाले लोग अब विमानों में यात्रा कर सकते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
सांसद कुँवर दानिश अली ने नागर विमानन मंत्री से पूछा था कि क्या पिछले कुछ महीनो में विमान टिकटों की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है जिसके कारण लोगों के लिए हवाई यात्रा का खर्च वहन करना कठिन हो गया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; क्या सरकार के पास सभी के लिए हवाई यात्रा को सुलभ और वहनीय बनाने की कोई योजना है; यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है?
नागर विमानन मंत्रालय के राज्यमंत्री ने क्या दिया जवाब
जिसके उत्तर में नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (डा.) विजय कुमार सिंह ने कहा है कि विमान किराए बाजार चालित होते हैं और सरकार द्वारा न तो विनियमित और न ही निर्धारित किया जाता है। एयरलाइनें सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए उचित टैरिफ तय कर सकती हैं, जिसमें प्रचालन की लागत, सेवा की विशेषताएं और उचित लाभ शामिल हैं। हालाँकि, एयरलाइनें विमान नियम, 1937 के तहत नियामक प्रावधानों का अनुपालनाधीन रहती हैं, जब तक कि उनके द्वारा लिया जाने वाला किराया उनकी वेबसाइट पर निर्धारित और प्रदर्शित किराए से अधिक न हो।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टैरिफ मॉनिटरिंग यूनिट की स्थापना की है, जो आकस्मिक आधार पर चुनिंदा क्षेत्रों पर किराए की निगरानी करती है। यह सुनिश्चित करता है कि एयरलाइनों द्वारा वसूला जाने वाला विमान किराया एयरलाइनों के निर्धारित टैरिफ के भीतर है, जो उनकी वेबसाइट पर प्रदर्शित होता है। विमान किराये में वृद्धि मुख्य रूप से मौसम और मांग-आपूर्ति बाधाओं से प्रेरित है और ईंधन की कीमतों में वृद्धि भी इसके लिए जिम्मेदार है। सरकार ने एयरलाइनों को संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाए हैं। इन चुनिंदा क्षेत्रों में हवाई किरायों की दैनिक आधार पर निगरानी की जाती है और जिसके परिणामस्वरूप उनमें गिरावट का रुझान देखा गया है।
नागर विमानन मंत्रालय ने क्षेत्रीय हवाई संपर्कता को बढ़ावा देने और जनसाधारण हेतु हवाई यात्रा को किफायती बनाने के लिए 21 अक्टूबर 2016 को क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) –उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना शुरू की। यह योजना देश भर के टियर-2 और टियर-3 शहरों को किफायती विमान किराए पर हवाई संपर्कता प्रदान करने में सक्षम रही है और लोगों के यात्रा करने के तरीके को बदल दिया है।
‘उड़ान’ योजना के अंतर्गत, सरकार ने क्षेत्रीय संपर्क मार्गों (एक घंटे की उड़ान के बराबर) के तहत 500 किमी से 600 किमी प्रति आरसीएस सीट की दूरी के लिए 2500 रुपये का निर्देशित विमान किराया लक्षित किया है। चयनित एयरलाइन प्रचालक को ‘उड़ान’ के अंतर्गत फिक्स्ड विंग विमान में सीटों के रूप में विमान में बैठने की क्षमता का 50प्रतिशत या अधिकतम 40 सीटें, जो भी कम हो, उपलब्ध कराना अपेक्षित है। यह विमान किराया ‘उड़ान’ योजना दस्तावेज़ में निर्दिष्ट सूत्र के अनुसार अनुक्रमण के अध्यधीन है।