Khabarwala 24 News Meerut: Loksabha Election 2024 हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल है कि मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से नया सांसद कौन होगा । इसका फैसला तो 4 जून को होगा लेकिन पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो कैंट विधानसभा क्षेत्र में पड़े वोट निर्णायक होंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा ने बड़ी बढ़त हासिल की थी। यही बढ़त भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र अग्रवाल के लिए निर्णायक साबित हुई और 4729 वोटों से जीत कर संसद पहुंचे थे। लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर यह विधानसभा क्षेत्र निर्णायक भूमिका में होगा।
आमने सामने का था मुकाबला (Loksabha Election 2024)
दर असल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन और भाजपा के बीच आमने सामने का था। इस चुनाव में मेरठ सीट पर बसपा ने याकूब कुरैशी को उम्मीदवार उतारा था जबकि भाजपा की ओर से राजेंद्र अग्रवाल तीसरी बार मैदान में थे। याकूब कुरैशी ने पांच में से चार विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी।
हाजी याकूब कुरैशी 4729 वोटों से हार गए थे चुनाव (Loksabha Election 2024)
2019 के चुनाव में हाजी याकूब कुरैशी मेरठ शहर में राजेंद्र अग्रवाल 30396 वोटों से आगे थे, मेरठ दक्षिण में 29713 वोटों से, किठौर में 21817 वोटों से और हापुड़ से 16420 वोटों से आगे थे। इन चार विधानसभा क्षेत्रों में याकूब की राजेंद्र अग्रवाल पर कुल बढ़त 98346 वोटों की थी। लेकिन गिनती जब कैंट क्षेत्र की शुरु हुई तो याकूब यहां राजेंद्र अग्रवाल से काफी पीछे रह गए।
यहां कुल 2 लाख 48 हजार 603 वोट पड़े थे। इसमें याकूब को 65322 वोट मिले जबकि राजेंद्र अग्रवाल को मिले 1 लाख 68 हजार 74 वोटों ने राजेंद्र अग्रवाल की जीत की पटकथा लिख दी और याकूब 4729 वोटों से चुनाव हार गए।
सुनीता वर्मा को 2017 के मेयर के चुनाव में कैंट क्षेत्र में मिली थी बढ़त (Loksabha Election 2024)
इस बार समाजवादी पार्टी ने यहां से शहर की पूर्व मेयर सुनीता वर्मा को उतारा है। 2017 में सुनीता वर्मा बसपा के टिकट पर मेयर की प्रत्याशी थीं। उन्होंने कैंट क्षेत्र के कंकरखेड़ा और सिविल लाइन जैसे इलाकों में जिसे भाजपा का गढ़ कहा जाता है, वहां भाजपा से ज्यादा वोट हासिल किए थे। अब सुनीता वर्मा सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं। अगर सुनीता वर्मा 2017 के अपने कैंट के प्रदर्शन को दोहरा पाती हैं तो मुकाबला सुनीता के पक्ष में भी जा सकता है।
वहीं अगर भाजपा अपने 2019 का प्रदर्शन दोहराती है तो अरुण गोविल के लिए संसद पहुंचने की राह आसान हो सकती है। 2019 के चुनाव के मुकाबसे इस बार यहां करीब चार हजार वोट कम पड़े हैं। देखना दिलचस्प होगा कि कौन और कितनी बढ़त इस सीट पर बनाने में कामयाब होता है।
2019 में क्या रही थी स्थिति
विधानसभा क्षेत्र बसपा भाजपा अंतर
मेरठ कैंट 65322 168074 102752
किठौर 131039 109222 21817
मेरठ शहर 109637 79241 30396
मेरठ दक्षिण 152209 103419 29713
हापुड़ 119839 103419 16420