Khabarwala 24 News Lucknow : 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने जिलों में बड़ा सांगठनिक बदलाव किया है। यूपी की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य तय करने वाली पार्टी ने सबको साधने का प्रयास किया है। यूं तो अगड़े, पिछड़े और दलित सबको हिस्सेदारी दी गई है, मगर पार्टी का सर्वाधिक ध्यान ओबीसी को साधने पर है। यही कारण है कि उन्हें तकरीबन 40 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई है। वहीं आधी आबादी को भी चार जिलों की कमान सौंपी गई है।
भाजपा ने पहले उत्तर प्रदेश टीम, फिर क्षेत्रीय अध्यक्ष और अब जिला और महानगर अध्यक्षों में व्यापक फेरबदल किया गया है। बदलाव में अधिकांश स्थानों पर पार्टी के संगठन से जुड़े चेहरों को जगह दी गई है ताकि चुनावी तैयारियों में उनके अनुभव का लाभ लिया जा सके। कई जगह मौजूदा जिला महामंत्री या अन्य पदाधिकारियों को अध्यक्ष बनाया गया है।
पार्टी ने पिछड़ों के साथ ही अगड़ों को साधने की कोशिश की है। इसी क्रम में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, कायस्थ और भूमिहारों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। वहीं 36 जिलों में पिछड़ी जातियों से आने वाले चेहरों को कमान सौंपी गई है। जबकि पांच जिलों की कमान अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले चेहरों को मिली है।
योगी-मोदी के क्षेत्र में नहीं हुआ बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी हो या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र गोरखपुर, दोनों ही जगहों पर मौजूदा जिलाध्यक्षों को नहीं बदला गया है। दोनों जिलों के जिला और महानगर अध्यक्षों को फिर मौका दिया गया है। इनके अलावा आगरा में जिला और महानगर अध्यक्षों को दोबारा मौका दिया गया है। प्रदेश के कुल 98 संगठनात्मक जिलों में से 29 जिलाध्यक्षों को रिपीट किया गया है।
यहां दिया गया दोबारा मौका
लखीमपुर, गोंडा, उन्नाव, अयोध्या जिला, वाराणसी महानगर व जिला, संतकबीर नगर, जौनपुर, मछली शहर, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, गोरखपुर महानगर और जिला, आगरा महानगर व जिला, कासगंज, पीलीभीत, बदायूं, इटावा, फर्रुखाबाद, ललितपुर, गाजियाबाद महानगर, नोएडा महानगर, सहारनपुर जिला, फिरोजाबाद महानगर, एटा, बलरामपुर, बरेली और बांदा जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका मिला है।