Khabarwala 24 News New Delhi : Madrassas Accepted Surrender बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश के 513 मदरसों ने मान्यता सरेंडर कर दी है। राज्य मदरसा शिक्षा परिषद (मदरसा बोर्ड) की मान्यता छोड़ने के संबंधित प्रस्ताव को मंगलवार को परिषद की बैठक में हरी झंडी दे दी गई। अब वे मदरसों से स्कूलों में तब्दील हो जाएंगे।
Madrassas Accepted Surrender मदरसों ने कई कारणों से मान्यता वापस लेने की अर्जी दी है। इनमें सबसे अहम कारण मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता की नई प्रक्रिया है जोकि काफी कठिन है। पहले जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के स्तर से ही मदरसों को मान्यता मिल जाती है, लेकिन अब ये अधिकार रजिस्ट्रार को दे दिया गया है। इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने मदरसों के शिक्षकों और छात्रों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य करने का फैसला दिया था।
…इसलिए वापस ले रहे मान्यता (Madrassas Accepted Surrender)
शिक्षा परिषद के सदस्य ने कहा मदरसों को एक निश्चित अवधि में अपनी मान्यता का नवीनीकरण करना होता है जो कि अब काफी कठिन प्रक्रिया है। मदरसों को अपने यहां बच्चों को पढ़ाना है इसलिए उनमें से अनेक मदरसों ने बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता ले ली है। संबंधित प्रस्ताव को बैठक में आगे की कार्यवाही के लिए परिषद के रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है।
उत्तर प्रदेश में 25 हजार मदरसे (Madrassas Accepted Surrender)
उत्तर प्रदेश में करीब 25 हजार मदरसे हैं. उनमें से लगभग 16 हजार 500 मदरसे राज्य मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त हैं। इसके अलावा मदरसा शिक्षा परिषद के बजट में वृद्धि करने का प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए बैठक में रजिस्ट्रार को निर्देश दिए गए। मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य कमर अली ने बताया कि प्रदेश के 513 मदरसों ने परिषद से खुद को मिली मान्यता के समर्पण की अर्जी दी थी जिसपर आज हुई बैठक में फैसला लिया गया।
8500 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त (Madrassas Accepted Surrender)
इनमें से 560 मदरसों को राज्य सरकार से अनुदान मिलता है जबकि करीब 8500 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं। मदरसा शिक्षा परिषद के बयान के मुताबिक, बैठक में मदरसों की मान्यता से संबंधित प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है। इसके तहत मदरसों के कर्मचारियों की शिकायत अब जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से की जा सकेगी।