Khabarwala 24 News New Delhi : Mahabharat Interesting Facts शकुनि महाभारत का ऐसा पात्र है, जिसे विलेन और महाभारत के महायुद्ध का जिम्मेदार माना जाता है। शकुनि हमेशा से बुरे विचारों वाला व्यक्ति नहीं था, वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता था।
शकुनि कभी नहीं चाहता था कि उसकी बहन अंधे धृतराष्ट्र से विवाह करे, लेकिन भीष्म के दबाव के कारण शकुनि को अपनी बहन का विवाह धृतराष्ट्र से करवाना पड़ा। जिसके बाद उसने कुरु वंश को खत्म करने के लिए महाभारत का युद्ध रचाया। शकुनि जानता था कि महाभारत का युद्ध कौरव हार जाएंगे, फिर भी उसने अपनी बहन के कुल का नाश करवा दिया।
विधवा थी गांधारी (Mahabharat Interesting Facts)
धृतराष्ट्र से विवाह करने से पहले गांधारी एक बकरे की विधवा थीं। किसी प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए ज्योतिषियों ने गांधारी का विवाह एक बकरे से करवा दिया और फिर उस बकरे की बलि देकर धृतराष्ट्र से उसका विवाह करवा दिया गया। जब यह जानकारी धृतराष्ट्र को मिली तो उन्होंने गांधार साम्राज्य पर हमला कर दिया और गांधारी के पिता राजा सुबल और माता सुदर्मा, शकुनि और 100 पुत्रों को कैद कर लिया। कारागार में सभी के साथ बुरा व्यवहार किया जाता था और हर दिन सभी को मुट्ठी भर अनाज ही दिया जाता था, जिसमें से सभी को एक दाने का हिस्सा मिलता था।
लंगड़ाते थे शकुनि (Mahabharat Interesting Facts)
धीरे-धीरे राजा सुबल के कई पुत्र भूख से मर गए। कुरु वंश से बदला लेने के लिए राजा सुबल ने अपने पुत्रों में बुद्धिमान और चतुर शकुनि को बचाने का फैसला किया और उसे बदला लेने के लिए तैयार किया। सभी लोग अपना भोजन शकुनि को देने लगे और शकुनि ने अपनी आंखों के सामने अपने परिवार का अंत देखा।
मरने से पहले राजा सुबल ने धृतराष्ट्र से शकुनि को छोड़ देने का अनुरोध किया, जिसे धृतराष्ट्र ने स्वीकार कर लिया। शकुनि महल की चकाचौंध में अपना बदला न भूल जाए, इसके लिए सभी ने मिलकर उसका एक पैर तोड़ दिया, ताकि उसे अपने परिवार का अपमान याद रहे। तब से शकुनि लंगड़ाकर चलने लगा।
चौसर के पासे (Mahabharat Interesting Facts)
शकुनि के संदर्भ में प्रचलित है कि उनके पासे उसके पिता राजा सुबल की हड्डी से बने थे। शकुनि चौसर खेलने में माहिर थे और कौरवों में भी इसका आकर्षण जगाया था। यह देखकर मरने से पहले राजा सुबल ने शकुनि से उसकी हड्डी से बने पासे मंगवाए थे।
राजा सुबल ने कहा कि ये पासे हमेशा आपकी आज्ञा का पालन करेंगे और आपको कोई नहीं हरा पाएगा। साथ ही इन पासों से धृतराष्ट्र का वंश भी खत्म हो जाएगा। हड्डियों से बने पासों से चौसर खेलने के कारण पांडवों ने अपना सबकुछ खो दिया। द्रौपदी का चीरहरण हुआ और अंत में महाभारत का महायुद्ध हुआ।