Khabarwala 24 News New Delhi : Mahahar Dham Ghazipur गाजीपुर के मरदह में स्थित महाहर शिव मंदिर यानी महाहर धाम एक ऐतिहासिक एवं प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि पर भक्तों का रेला उमड़ता है तो वहीं पूरे सावन माह मंदिर परिसर घंटों की आवाज से गूंजता रहता है। भक्त इस मंदिर में इस दुर्लभ शिवलिंग के दर्शन और पूजन करते है। कहा जाता है कि स्थान का राजा दशरथ से गहरा नाता है।
राजा दशरथ ने करवाया निर्माण (Mahahar Dham Ghazipur)
कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा दशरथ द्वारा करवाया गया था। इस स्थान को मरदह के नाम से भी जाना जाता है। यहां सावन भगवान शिव के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है इस स्थान का राजा दशरथ के साथ श्रवण कुमार और उनके माता पिता का भी गहरा नाता है।
शिकार करने पहुंचे राजा दशरथ (Mahahar Dham Ghazipur)
पौराणिक कथा के अनुसार अयोध्या के महाराजा दशरथ शिकार खेलने के क्रम में में महाहर धाम के पास जंगल में पहुंचे थे। उसी समय श्रवण कुमार अपने दृष्टिहीन माता-पिता को कांवर पर बैठाकर तीर्थयात्रा कराने के लिए उसी जंगल से गुजर रहे थे। माता-पिता को प्यास लगने पर श्रवण कुमार उन्हें जंगल में एक स्थान पर बैठाकर पानी की तलाश में चले गए।
श्रवण कुमार को लगा ये बाण (Mahahar Dham Ghazipur)
वह सरोवर में पानी ले रहे थे. पानी भरते हुए बुलबुलों की आवाज को सुनकर राजा दशरथ ने अपना शब्दभेदी बाण चलाया और वह बाण जाकर श्रवण कुमार को लगा। बाण लगने से श्रवण कुमार की मृत्यु होने के बाद उनके माता-पिता ने राजा दशरथ को श्राप दिया था।
शिवलिंग की स्थापना व पूजा (Mahahar Dham Ghazipur)
ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से श्राप से मुक्ति पाने और पुत्र प्राप्ति की इच्छा से यहां शिवलिंग की स्थापना कर पूजन किया। यह महल दशरथ की गढ़ी के नाम से विख्यात है। धाम के दक्षिण तरफ श्रवणडीह नाम का गांव है। इस मंदिर में तेरहमुखी शिवलिंग के साथ ही शिव-पार्वती की युगल मूर्ति भी हैं।