Khabarwala 24 News New Delhi : Mahashivratri 2024 आज हम आपको देवाधिदेव महादेव के 500 साल पुराने मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो विकट परिस्थितियों में भी स्थिर खड़ा रहा है। देशभर में महादेव के कई मंदिर स्थित है जो भक्तों की आस्था और विश्वास का केंद्र बने हुए है लेकिन भुज में कॉलेज रोड पर द्विधामेश्वर नाम का एक सुंदर मंदिर है। महादेव के इस मंदिर का इतिहास बड़ा अनोखा है। आपको बता दें कि इस मंदिर का नाम द्विधामेश्वर इसलिए है क्योंकि इस मंदिर में एक साथ दो स्वयंभू शिवलिंग हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा महादेव के इस पावन मंदिर के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
द्विधामेश्वर मंदिर से जुड़ी जानकारी (Mahashivratri 2024)
आपको बता दें कि द्विधामेश्वर मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसके एक गुंबद के नीचे दो शिवलिंग हैं। यहां दो शिवलिंगों के साथ साथ दो नंदी और दो कछुए भी विराजमान है। राजतंत्र के शासनकाल में दो एक साथ प्रकट हुए इन दोनों लिंगों के प्रकट होने के बीच आठ दिनों का समय है यही वजह है कि एक बड़ा शिवलिंग है तो दूसरा छोटा शिवलिंग है। इस मंदिर का निर्माण लक्ष्मीदास कामदार ने करवाया था।
आशीर्वाद और कष्ट दूर हो जाते हैं (Mahashivratri 2024)
ऐसा कहा जाता है कि एक बार स्वामी विवेकानंद इस मंदिर में एक रात रुके थे। यहां पर नागा साधु सेवा पूजा करते थे और मस्तराम बापू की इस मंदिर में जीवित समाधि भी दिखाई देती है। द्विधामेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के समय भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है यहां भगवान की चार प्रहर में पूजा की जाती है माना जाता है महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में पूजन और दर्शन करने मात्र से शिव शंकर का आशीर्वाद मिलता है और कष्ट दूर हो जाते हैं।