Khabarwala 24 News New Delhi : Mahatma Gandhi Birth Anniversery आज देश का बच्चा-बच्चा गांधी जी का नाम जानता है। उन्हें उनकी तस्वीर से पहचानता है। स्कूलों में छोटी क्लास से ही बच्चों को के बारे में बताया जाता है। दरअसल, महात्मा गांधी का पूरा जीवन हम लोगों के लिए प्रेरणा है।
एक लड़का जिसकी 13 साल की उम्र में शादी हुई और फिर उस लड़के ने लंदन के हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की। बस 10 प्वाइंट्स में हम जानेंगे उनका पूरा जीवन परिचय और समझेंगे कि गुजरात का आम लड़का कैसे बना पूरे विश्व का बापू। गांधीजी का पूरा जीवन रोचक रहा।
पढ़ें महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था। गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी और मां का नाम पुतलीबाई गांधी था। उनके पिता गुजरात की एक छोटी रियासत की राजधानी पोरबंदर के दीवान थे।
13 साल की उम्र में कस्तूरबा से शादी (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
13 साल की उम्र में महात्मा गांधी की शादी कस्तूरबा से हुई थी। उनके चार बेटे थे जिनके नाम हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास। आपको बता दें कि अपने शुरुआती दिनों में, वह श्रवण और हरिश्चंद्र की कहानियों से बहुत प्रभावित थे क्योंकि वे सत्य के महत्व को दर्शाते थे।
1891 में लंदन हाईकोर्ट में एनरॉल हुए (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
महात्मा गांधी वकालत की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड गए थे। उन्होंने 1888 में लंदन के इनर टेंपल में दाखिला लिया था और 1891 में वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रैक्टिस के लिए लंदन के हाई कोर्ट में एनरॉल हुए।
वेजिटेरियन सोसायटी में शामिल हुए (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
लंदन में गांधी एक वेजिटेरियन सोसायटी में भी शामिल हुए और उनके कुछ शाकाहारी मित्रों ने उन्हें भगवद् गीता से परिचित कराया। माना जाता है कि इससे पहले वो मांसाहार भी कर चुके थे। धीमे-धीमे भगवद गीता ने उनके जीवन पर एक बड़ी छाप छोड़ी और उनके जीवन को प्रभावित किया।
नस्लीय भेदभाव के खिलाफ विरोध (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
1893 में वे वकील के रूप में काम करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए। वहां उन्हें प्रथम श्रेणी का टिकट होने के बावजूद बाहर निकाल दिया गया क्योंकि यह केवल गोरे लोगों के लिए आरक्षित था। इस घटना का उन पर गंभीर प्रभाव पड़ा और उन्होंने नस्लीय भेदभाव के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया।
अफ्रीका में भारतीय समुदाय के नेता (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
22 मई 1894 को गांधीजी ने नेटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की और दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों में सुधार के लिए कड़ी मेहनत की। थोड़े ही समय में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के नेता बन गए।
प्राचीन भारतीय साहित्य से प्रभावित (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
तिरुक्कुरल जो प्राचीन भारतीय साहित्य, मूल रूप से तमिल में लिखा, इस प्राचीन ग्रंथ से गांधीजी भी प्रभावित थे। वे सत्याग्रह के विचार से प्रभावित थे और 1906 में अहिंसक विरोध प्रदर्शन लागू किया। 21 साल दक्षिण अफ़्रीका में बिताने के बाद 1915 में भारत लौटे और नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष शुरू किया।
बिहार-गुजरात आंदोलन का नेतृत्व (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
भारत लौटने के बाद गांधी ने गोपाल कृष्ण गोखले को गुरु बनाकर राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गये। गांधीजी की पहली बड़ी उपलब्धि 1918 में थी जब बिहार और गुजरात के चंपारण और खेड़ा आंदोलनों का नेतृत्व किया। असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, स्वराज और भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया।
अहिंसा पर आधारित था सत्याग्रह (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
महात्मा गांधी का सत्याग्रह सच्चे सिद्धांतों और अहिंसा पर आधारित था। उनका कहना था कि ‘ऐसे जियो जैसे कि तुम्हें कल मरना है। ऐसे सीखो जैसे तुम्हें हमेशा के लिए जीना है।’ 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधीजी की हत्या कर दी। इस तरह 78 साल की उम्र में उन्होंने इन दुनिया को अलविदा कह दिया।
टैगोर ने महात्मा की उपाधि दी थी (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा की उपाधि दी थी, जिसके बाद से ही उन्हें महात्मा गांधी कहा जाने लगा। इसके अलावा उन्हें प्यार से ‘बापू’ और ‘पिता’ भी कहा जाता है। एक वकील, राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिनके विचार आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं।
गांधीजी के कुछ प्रेरक विचार जानें (Mahatma Gandhi Birth Anniversery)
1. ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है ।
2. आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी।
3. निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।
4. स्वतंत्रता एक जन्म की भांति है। जब तक हम पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हम परतंत्र ही रहेंगे ।
5. आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों।
6. कमजोर लोग कभी माफ नहीं कर सकते, माफी मजबूत लोगों का गुण है।
7. दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनिए।
8. एक राष्ट्र की संस्कृति लोगों के दिलों में और आत्मा में बसती है।
9. जब तक आप किसी को वास्तव में खो नहीं देते तब तक आप उसकी अहमियत नहीं समझते।
10. कुछ करना है तो प्यार से करें, वरना न करें।