Tuesday, February 4, 2025

Major Durga Das 13 सालों की सर्विस के बाद आर्मी कपल, जिन्होंने बंजर ज़मीन पर बना दिया अपने सपनों का आशियाना हरा-भरा होमस्टे

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Khabarwala 24 News New Delhi : Major Durga Das हमेशा से देश और पर्यावरण, दोनों की सेवा की चाह रखने वाले मेजर दुर्गा दास ने 13 सालों की सर्विस के बाद आर्मी छोड़ इस ज़मीन पर अपने सपनों का आशियाना बनाना शुरू किया। इसे उन्होंने ‘देवरा’ नाम दिया। जहाँ कभी केवल कांटें उगते थे, उस ज़मीन पर आज बसा है हरियाली से घिरा देवरा होमस्टे।

यह नतीजा है दिल्ली के रहने वाले मेजर दुर्गा दास और उनकी पत्नी ज्योति जसोल की मेहनत और जज़्बे का। 1994 में इस कपल ने अपने सपने को जीने का फैसला किया और आज वे देश-विदेश से आने वाले कई मेहमानों का अपने यहाँ स्वागत करते हैं; उन्हें हेरिटेज कुकिंग सिखाते हैं। इसके अलावा मेहमानों को बर्ड वॉचिंग, विलेज टूर जैसे कमाल के अनुभव कराते हैं।

उदयपुर की शान है देवरा होमस्टे (Major Durga Das)

ज्योति जसोल बताती हैं कि उन्होंने उदयपुर में घर बनाने का फैसला किया और यहाँ ढाई एकड़ की एक ज़मीन खरीदी। सालों की मेहनत और जीवन के कई उतार-चढ़ाव के बीच आखिरकार उन्होंने इसे हरी-भरी धरोहर में बदल दिया और यहाँ गेहूं, मौसमी सब्जियां, ज्वार, मेथी, आंवला, जामुन, अमरूद जैसे कई किस्म के पेड़ लगाए। चारों ओर हरियाली और लिली पॉन्ड से घिरी उदयपुर की इस जगह में आप अपने परिवार और पालतू जानवर के साथ भी शांति और सुकून भरा समय बिताने आ सकते हैं।

एक रोड ट्रिप पर निकले थे मेजर (Major Durga Das)

भारत का ‘सफेद शहर’ उदयपुर अपनी समृद्ध संस्कृति और खूबसूरती के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। अगर आप दिल्ली से उदयपुर के लिए निकलते हैं तो रास्ते में आपको पहाड़, घाटियां, रेगिस्तान व रंग-बिरंगे गाँवों के मनमोहक दृश्य मिलेंगे, जिन्हें देखने के बाद आपकाे इनसे लगाव और प्यार हो जाएगा।

साल 1994 में दिल्ली के रहने वाले मेजर दुर्गा दास और उनकी पत्नी ज्योति जसोल भी उदयपुर के लिए ऐसी एक रोड ट्रिप पर निकले थे और फिर यहीं के होकर रह गए।

पारंपरिक तरीके से बना उदयपुर में (Major Durga Das)

ज्योति ने भी दिल्ली में अपनी अच्छी-खासी मैनेजर की नौकरी छोड़कर यहीं बस जाने का फैसला किया। उन्होंने सबसे पहले इस ज़मीन को उपजाऊ बनाने के लिए काम करना शुरू किया।

2004 में मेजर और ज्योति ने यहाँ अपने पहले मेहमान का स्वागत किया। कभी तीन कमरों से शुरू हुए इस हेरिटेज होमस्टे में आज मेहमानों के लिए दस आलिशान कमरे हैं। यहाँ ज्योति अपने मेहमानों को न केवल चूल्हे पर पका स्वादिष्ट खाना खिलाती हैं; बल्कि उनके लिए हेरिटेज कुकिंग क्लासेस चलाती हैं।

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