Khabarwala 24 News New Delhi: Meerut Metro मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेन सेट यूपी के गाजियाबाद के दुहाई डिपो पर पहुंच गया है। तीन कोच वाले इस ट्रेन के सेट को बड़े ट्रेलरों पर लाया गया है। दुहाई के NCRTC डिपो में पहुंचने के बाद इसे असेंबल किया जाएगा। इसके साथ ही कई तरह की टेस्टिंग भी की जाएगी।
फर्स्ट लुक का किया जा चुका है अनावरण (Meerut Metro)
एनसीआरटीसी (NCRTC)के प्रबंध निदेशक, विनय कुमार सिंह ने हाल ही में मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के फर्स्ट लुक का अनावरण किया था। जिसके बाद एल्स्टॉम ने गुजरात के सावली में एनसीआरटीसी को पहला ट्रेनसेट सौंपा था। यह पहली ट्रेन है जो मेरठ मेट्रो के लिए डिपो मे पहुंची है। अत्याधुनिक डिजाइन वाले इस ट्रेनसेट को पूरी तरह भारत में डिजाइन और निर्मित है तथा ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के अंतर्गत बनाई गयी है। मेरठ मेट्रो के ये ट्रेनसेट ऊर्जा कुशल तो हैं ही, साथ ही हल्के और रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस है, जो स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी), और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) के साथ आते हैं। मेरठ मेट्रो ट्रेन की अधिकतम परिचालन गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा है।
तेजी से चल रहा निर्माण कार्य (Meerut Metro)
मेरठ मेट्रो उत्तर प्रदेश के मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तीव्र और आधुनिक परिवहन साधन की शुरुआत करने जा रहा है। मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के आने के साथ ही मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। मेरठ मेट्रो 13 स्टेशनों के साथ 23 किलो मीटर लंबा है। अभी मेरठ मेट्रो का निर्माण तेजी से जारी है और इसके सभी स्टेशन आकार ले रहे हैं। ये देश में पहली बार है कि नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो, दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के ही बुनियादी ढांचे पर चलेंगी।
यात्रियों को मिलेगी बेहतर सुविधा (Meerut Metro)
इसके लिए एनसीआरटीसी ने वैश्विक रेल परिवहन में अग्रणी प्रयास करते हुए लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) पर हाइब्रिड लेवल-3 के साथ यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ईटीसीएस) लेवल 2 की सिग्नलिंग प्रणाली अपनायी है। ये मेरठ के भीतर आरआरटीएस और मेट्रो सेवाओं को निर्बाध रूप से एकीकृत करेगा और जनता को बेहतरीन सेवाएं प्रदान करेगा।
यह उपलब्ध होगी मेट्रो सुविधा (Meerut Metro)
मेरठ में मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर आरआरटीएस के साथ मेट्रो सेवाएं उपलब्ध होंगी। जहां पर लोग अपनी सुविधानुसारआगे जाने के लिए अपनी ट्रेन बदल सकेंगे। मेरठ के अन्य स्टेशनों पर सिर्फ मेट्रो सेवाएं उपलब्ध होंगी। मेरठ मेट्रो का निर्माण तेजी से चल रहा है। सभी स्टेशन तेजी से आकार ले रहे हैं। भूमिगत टनल का निर्माण भी पहले ही पूर्ण कर लिया गया है। सभी भूमिगत स्टेशनों पर फिनिशिंग का कार्य प्रगति पर है। पहले से तैयार टनल और वायाडक्ट पर ट्रैक बिछाने की गतिविधियां भी तेजी से चल रही हैं। कुल 18 किलो मीटर लंबे एलिवेटेड सेक्शन में से लगभग 12 किलोमीटर के हिस्से में में वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है। बाकी भाग में वायाडक्ट निर्माण में तेजी लाने के लिए 10 से अधिक लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) दिन-रात कार्य कर रही हैं।
मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट की विशेषताएं (Meerut Metro)
मेरठ मेट्रो को आधुनिक तरीके से डिजाइन किया गया है, जो यात्रियों को आराम और सुरक्षा प्रदान करता है। इस मेट्रो में एसी के साथ, आरामदायक बैठने की व्यवस्था, सामान रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग जैसी कई आधुनिक सुविधाएं हैं।
मेरठ मेट्रो में 3 कार ट्रेन सेट शामिल होंगे। इसमें आधुनिक तरीके से डिजाइन की गई सीट हैं। वहीं एक ट्रेन में 700 से ज्यादा यात्री सफर कर सकते हैं।
इस मेट्रो में मॉर्डन तकनीक से तैयार कम वजन वाले स्टेनलेस स्टील के कोच लगे हुए हैं।
मेरठ मेट्रो में आरामदायक खड़े होने की जगह, सामान रैक, सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल चार्जिंग सुविधा, गतिशील रूच मैप, इंफोटेनमेंट सिस्टम, रोशनी-आधारित ऑटो नियंत्रण परिवेश प्रकाश व्यवस्था और अन्य सुविधाएं भी हैं।
भीड़ को मैनेज करने के लिए सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए गए हैं ताकि यात्रियों की सुरक्षा में कोई चूक ना हो।
मेरठ मेट्रो में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए पुश बटन के माध्यम से गेट खोलना, आपातकालीन निकास उपकरण, आग बुझाने वाले यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसी सुरक्षा सुविधाएं भी दी गई हैं।
इसके अलावा मेट्रो में आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए जगह का प्रावधान और व्हील चेयर के लिए जगह भी दी गई है।