Wednesday, April 16, 2025

Mehul Choksi: कौन है हंगरी की बारबरा जबारिका? जिस पर लगा मेहुल चोकसी को हनी ट्रैप में फंसाने का आरोप

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Mehul Choksi Honeytrap: 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (PNB Scam) के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को हाल ही में बेल्जियम (Belgium) में गिरफ्तार किया गया (Mehul Choksi Arrested) है। इस गिरफ्तारी ने भारत में एक बार फिर से इस घोटाले और मेहुल चोकसी के भागने की कहानी को सुर्खियों में ला दिया है। भारतीय जांच एजेंसियां लंबे समय से मेहुल चोकसी की तलाश में थीं और अब उसकी गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की है।

मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) की गिरफ्तारी और उससे जुड़ी कहानी एक ऐसी घटना है, जो न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है। आइए, इस पूरी कहानी को विस्तार से समझते हैं और मेहुल चोकसी के भारत से भागने से लेकर बेल्जियम में गिरफ्तारी तक की घटनाओं को बारीकी से देखते हैं।

मेहुल चोकसी और पीएनबी घोटाला (PNB Scam)

मेहुल चोकसी, जिनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (Gitanjali Gems Ltd) भारत में हीरे और आभूषणों के कारोबार में एक बड़ा नाम थी, पर 2018 में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के साथ 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा। यह घोटाला भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक माना जाता है। मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) और उनके भतीजे नीरव मोदी इस घोटाले के मुख्य आरोपी थे। इस घोटाले में पीएनबी के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए बैंकों से भारी मात्रा में धनराशि निकाली गई। जब यह घोटाला सामने आया, तो मेहुल चोकसी और नीरव मोदी दोनों ही भारत छोड़कर फरार हो चुके थे।

मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) ने 2018 में भारत छोड़ दिया और इसके बाद वह कई देशों में छिपता रहा। भारतीय जांच एजेंसियां, जैसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), तब से उसकी तलाश में थीं। चोकसी की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को लेकर कई बार खबरें सामने आईं, लेकिन हर बार वह किसी न किसी तरह बच निकलने में सफल रहा। लेकिन इस बार बेल्जियम में उसकी गिरफ्तारी ने उम्मीद जगा दी है कि शायद अब वह भारत में कानून के सामने जवाबदेह होगा।

मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी (Mehul Choksi Arrested)

12 अप्रैल 2025 को बेल्जियम पुलिस ने मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी तब हुई, जब चोकसी कथित तौर पर ब्लड कैंसर के इलाज के बहाने स्विट्जरलैंड जाने की तैयारी कर रहा था। बेल्जियम के फेडरल पब्लिक सर्विस ऑफ जस्टिस ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की। जानकारी के अनुसार, भारतीय जांच एजेंसियों ने बेल्जियम की सुरक्षा एजेंसियों को चोकसी के बारे में पहले ही अलर्ट कर दिया था। चोकसी ने बेल्जियम में अपनी भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता की जानकारी छिपाने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय एजेंसियों ने उसके खिलाफ सभी जरूरी दस्तावेज और ओपन अरेस्ट वारंट बेल्जियम को उपलब्ध कराए। इसके बाद बेल्जियम की जांच एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।

यह गिरफ्तारी भारतीय जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि मेहुल चोकसी पिछले कई सालों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छिपता रहा था। अब भारत सरकार ने बेल्जियम से उसके प्रत्यर्पण की मांग की है, और इस दिशा में कूटनीतिक और कानूनी प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

मेहुल चोकसी का भारत से भागना

मेहुल चोकसी की कहानी 2018 से शुरू होती है, जब पीएनबी घोटाला (PNB Scam) सामने आया। इस घोटाले के खुलासे से पहले ही चोकसी भारत छोड़कर भाग गया था। उसने 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता हासिल कर ली थी। यह नागरिकता उसने वहां के निवेश के जरिए नागरिकता कार्यक्रम के तहत ली थी, जिसमें लोग एक निश्चित राशि का निवेश करके किसी देश की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं। चोकसी ने इस नागरिकता का इस्तेमाल भारत से भागने और अपनी पहचान छिपाने के लिए किया।

भारत छोड़ने के बाद चोकसी ने कई देशों में शरण ली। वह ज्यादातर समय एंटीगुआ में रहा, जहां वह एक आलीशान जीवन जी रहा था। भारतीय जांच एजेंसियां उसकी तलाश में थीं, लेकिन एंटीगुआ की नागरिकता और वहां के कानूनों ने उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को जटिल बना दिया था।

मेहुल चोकसी डोमिनिका में पकड़ा गया, फिर छूट गया

मई 2021 में मेहुल चोकसी एक बार फिर सुर्खियों में आया, जब उसे डोमिनिकन गणराज्य में अवैध प्रवेश के आरोप में पकड़ा गया। यह घटना उस समय हुई, जब वह कथित तौर पर एंटीगुआ से एक नाव के जरिए डोमिनिका पहुंचा था। इस दौरान चोकसी ने दावा किया कि उसे अपहरण और हनी ट्रैप की साजिश में फंसाया गया है। उसने बताया कि उसे एक महिला, बारबरा जबारिका, ने अपने जाल में फंसाया और फिर उसे जबरन डोमिनिका ले जाया गया।

चोकसी ने अपनी कहानी में बताया कि बारबरा ने उससे दोस्ती की और फिर उसे रात के खाने पर बुलाया। वहां से उसे कथित तौर पर अगवा कर लिया गया और एक नाव पर बिठाकर डोमिनिका ले जाया गया। चोकसी ने यह भी दावा किया कि इस पूरी साजिश में बारबरा का बड़ा हाथ था।

हालांकि, डोमिनिका में कुछ समय जेल में रहने के बाद चोकसी को ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी काउंसिल से राहत मिल गई। उसे 51 दिन बाद रिहा कर दिया गया, और वह फिर से एंटीगुआ लौट गया। इस घटना ने चोकसी के खिलाफ जांच को और जटिल कर दिया, क्योंकि वह बार-बार कानूनी दांव-पेंच का सहारा लेकर बच निकल रहा था।

बारबरा जबारिका (Barbara Jabarika) और हनी ट्रैप की कहानी

मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) की डोमिनिका में गिरफ्तारी के दौरान बारबरा जबारिका (Barbara Jabarika) का नाम सामने आया। बारबरा एक हंगेरियन नागरिक हैं, जो कथित तौर पर चोकसी के साथ रिश्ते में थीं। चोकसी ने दावा किया कि बारबरा ने उसे हनी ट्रैप में फंसाया और उसका अपहरण करवाया। दूसरी ओर, बारबरा ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया और कहा कि वह चोकसी की गर्लफ्रेंड नहीं थीं।

बारबरा के लिंक्डइन प्रोफाइल (linkedin profile) के अनुसार, वह बुल्गारिया में एक प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट एजेंट हैं और उनके पास रियल एस्टेट और डायरेक्ट सेल्स में काम करने का अनुभव है। बारबरा ने यह भी दावा किया कि चोकसी ने अपनी पहचान छिपाकर उनसे दोस्ती की थी। उसने खुद को राज के नाम से पेश किया और बारबरा से संपर्क स्थापित किया।

चोकसी की पत्नी प्रीति चोकसी ने भी बारबरा पर हनी ट्रैप का हिस्सा होने का आरोप लगाया। प्रीति के अनुसार, बारबरा ने 2020 में चोकसी से मुलाकात की थी और उसे अपने जाल में फंसाया। हालांकि, बारबरा ने इन सभी आरोपों को झूठा बताया और कहा कि उसके पास अपनी आय और व्यवसाय है, और उसे चोकसी की संपत्ति या किसी अन्य चीज की जरूरत नहीं थी।

बारबरा जबारिका (Barbara Jabarika) की सफाई

बारबरा ने एक साक्षात्कार में कहा, “यह मेरे लिए हैरान करने वाला है कि मेरे बारे में ऐसी बातें कही जा रही हैं। मैंने मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) से कोई मदद नहीं ली, न ही मुझे उसकी संपत्ति या किसी और चीज की जरूरत थी। यह वह था, जिसने मुझसे संपर्क किया और दोस्ती की कोशिश की। उसने अपनी असली पहचान छिपाई और खुद को राज बताया।”

बारबरा की इस सफाई ने इस मामले को और रहस्यमय बना दिया। कुछ लोगों का मानना है कि चोकसी ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हनी ट्रैप की कहानी गढ़ी, ताकि वह डोमिनिका में अवैध प्रवेश के आरोपों से बच सके। वहीं, कुछ लोग बारबरा के दावों पर भी सवाल उठाते हैं।

बेल्जियम में गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की कोशिश

अब, 2025 में मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) की बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद यह मामला फिर से गर्म हो गया है। भारतीय जांच एजेंसियों ने बेल्जियम सरकार के साथ मिलकर चोकसी को पकड़ने में सफलता हासिल की है। चोकसी की गिरफ्तारी के बाद भारत ने तुरंत उसके प्रत्यर्पण की मांग की है। बेल्जियम और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि मौजूद है, जिसके तहत इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है।

हालांकि, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। चोकसी के वकील पहले भी कई बार कानूनी दांव-पेंच का सहारा ले चुके हैं। एंटीगुआ में उसने अपनी नागरिकता का हवाला देकर प्रत्यर्पण को रोकने की कोशिश की थी। अब बेल्जियम में भी वह कानूनी लड़ाई लड़ सकता है। लेकिन भारतीय जांच एजेंसियां इस बार पूरी तरह तैयार हैं और उनके पास चोकसी के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं।

मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) की कहानी: एक नजर में

मेहुल चोकसी की कहानी को अगर संक्षेप में देखें, तो यह कुछ इस तरह है:

  1. गीतांजलि जेम्स लिमिटेड: मेहुल चोकसी की कंपनी, जो हीरे और आभूषणों के कारोबार में थी।
  2. पीएनबी घोटाला: 13,500 करोड़ रुपये का घोटाला, जिसमें चोकसी और नीरव मोदी मुख्य आरोपी थे।
  3. 2018 में फरार: घोटाला सामने आने से पहले चोकसी भारत छोड़कर भाग गया।
  4. एंटीगुआ की नागरिकता: 2017 में निवेश के जरिए एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की।
  5. 2021 में डोमिनिका: अवैध प्रवेश के लिए पकड़ा गया, हनी ट्रैप और अपहरण की कहानी सामने आई।
  6. 51 दिन की जेल: डोमिनिका में जेल में रहा, फिर प्रिवी काउंसिल से राहत मिली।
  7. 2025 में बेल्जियम में गिरफ्तारी: 12 अप्रैल को स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश में पकड़ा गया।
  8. प्रत्यर्पण की मांग: भारत ने बेल्जियम से चोकसी के प्रत्यर्पण की मांग की।
  9. भारतीय एजेंसियों की सक्रियता: ईडी और सीबीआई ने चोकसी को ट्रैक किया और बेल्जियम को दस्तावेज सौंपे।
  10. कानूनी जटिलताएं: चोकसी के वकील प्रत्यर्पण को रोकने की कोशिश कर सकते हैं।
भविष्य की संभावनाएं

मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) की गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह कहानी का अंत नहीं है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत उसे वापस लाने में सफल होगा? प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में कई कानूनी और कूटनीतिक बाधाएं आ सकती हैं। चोकसी के पास अभी भी कई विकल्प हैं, जिनका इस्तेमाल वह अपनी रिहाई के लिए कर सकता है। लेकिन भारतीय जांच एजेंसियां इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं।

अगर चोकसी भारत लाया जाता है, तो पीएनबी घोटाले की जांच में नई गति आ सकती है। इस घोटाले ने न केवल भारत की बैंकिंग व्यवस्था को हिलाकर रख दिया था, बल्कि आम लोगों का भरोसा भी कम हुआ था। चोकसी के भारत आने से न केवल इस मामले में सजा की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, बल्कि घोटाले से जुड़े अन्य लोगों पर भी शिकंजा कस सकता है।

अब देखना यह है कि भारतीय जांच एजेंसियां और सरकार कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से चोकसी के प्रत्यर्पण को सुनिश्चित कर पाती हैं। अगर यह प्रयास सफल होता है, तो यह न केवल पीएनबी घोटाले के पीड़ितों के लिए न्याय होगा, बल्कि भारत की कानून व्यवस्था की ताकत को भी दर्शाएगा।

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