मिशन 2024 Kabarwala24News NewDelhi: आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा रणनीति बनाने में जुटी हुई है। जिन राज्यों से बीजेपी को सबसे ज्यादा उम्मीद है, उसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। आपको बता दें कि 2014 के बाद बीजेपी का यूपी में एकतरफा राज है। लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनावों तक बीजेपी को अभी सपा, बसपा, कांग्रेस टक्कर देने में कामयाब नहीं हो सकी है। हालांकि, 2024 में भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। उसे आशंका है कि लंबे समय से उसकी सत्ता होने के चलते कहीं एंटी-इनकंबेंसी का सामना न करना पड़े। ऐसे में बीजेपी यूपी में अगले लोकसभा चुनाव में एक-चौथाई वर्तमान सांसदों के टिकट काट सकती है।
बीजेपी सूत्रों के अनुसार इन सांसदों, कुछ केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं, और ये ज्यादातर पश्चिमी और पूर्वी यूपी से हैं। इन्हें वर्तमान में संगठन का हिस्सा रहे नेताओं के साथ बदला जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि जिन सांसदों की उम्र 75 साल से ज्यादा हो चुकी है या जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ाव विकसित नहीं कर पाए हैं, और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अप्रभावी रहे हैं, वे उन नामों में शामिल हो सकते हैं, जिनके टिकट लोकसभा चुनाव में काटे जा सकते हैं। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, जिन लोगों पर गाज गिर सकती है, उनमें से कुछ ऐसे सांसद हैं जिन्होंने 2019 में हाई-प्रोफाइल विपक्षी उम्मीदवारों को हराया था, लेकिन तब से विवादों में घिर गए हैं और मतदाताओं के बीच बहुत लोकप्रिय नहीं हैं। संगठन के अभियान में कई सांसदों का कार्य संतोष जनक नहीं रहा है।
आगामी 2014 की शुरुआत में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान की उम्मीद है। इसके बाद मार्च से लेकर मई के बीच इन चुनावों को करवाया जा सकता है। मई के मध्य या आखिरी में नतीजों का भी ऐलान हो सकता है। इसके अलावा, एक ऐसी लिस्ट भी तैयार की गई है जो राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार में विधायक या मंत्री हैं, वे आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ सकते हैं। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ”केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा कुछ सांसद हो सकता है कि लोकसभा का टिकट न पाएं। बाद में उन्हें राज्यसभा सीट दी जा सकती है।”
कितने सांसद हैं यूपी से कैबिनेट में
आपको बता दें कि यूपी से बीजेपी के 11 सांसद हैं, जोकि इस समय केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा हैं। इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडे, वीके सिंह, संजीव कुमार बाल्यान आदि शामिल हैं। इसके अलावा, अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’, कौशल किशोर जैसे नाम भी हैं, जोकि यूपी से सांसद हैं ओर इस समय केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इसके अलावा, उन उम्मीदवारों को भी टिकट नहीं मिलने की आशंका है, जोकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में हार गए थे। भाजपा ने यूपी में जिन सीटों पर पिछले लोकसभा चुनाव में नहीं जीत सकी थी, उसमें श्रावस्ती, गाजीपुर, घोसी, लालगंज, मैनपुरी आदि शामिल हैं।
रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के लिए दरवाजे अब भी खुले
वहीं, गठबंधन की बात करें तो माना जा रहा है कि भाजपा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन कर सकती है और उसे एक सीट दे सकती है। वहीं, निषाद पार्टी को भी सीट मिल सकती है। जहां तक कि जयंत चौधरी की आरएलडी की बात करें तो अब भी गठबंधन के लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। आपको बता दें कि आरएलडी लंबे समय से विपक्ष के साथ है और इस समय सपा के साथ गठबंधन में है। कई दिनों से चर्चाएं चल रही हैं लोकसभा चुनाव के लिए आरएलडीए और बीजेपी के बीच गठबंधन की बात चल रही है। हालांकि, अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी में 80 सीटों में से 62 पर जीत मिली थी, जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटों पर जीत मिली थी।