Khabarwala 24 News New Delhi: Modern Culture भारत की प्राचीन संस्कृति आधुनिक जमाने में विलुप्त होती जा रही है। पहले शादियों में बैलगाड़ी से दुल्हे को ले जाया जाता था। एक-एक सप्ताह बारात रुकती थी।आधुनिक जमाने में एक रात काफी है शादी के लिए। कहीं-कहीं 2 घंटे में शादी संपन्न करवा दी जाती है।
पारंपरिक वेषभूषा के साथ ससुराल पहुंचा (Modern Culture)
अब बारात फोर व्हीलर से शान शौखत के साथ लेकर जाते हैं। एक अजीब शादी छत्तीसगढ़ से देखने को मिली जिसे देखकर लोग दंग रह गए। दुल्हा अपनी बारात फोरव्हीलर से नहीं बल्कि बैलगाड़ी से लेकर गया। पारंपरिक भेषभूषा के साथ ससुराल पहुंचा। दूल्हा बने शंभुनाथ सलाम बड़गांव सर्कल के क्षेत्रीय गोंडवाना समाज के अध्यक्ष हैं।
जानकारी के मुताबिक, दोपहर एक बजे पिपली से निकली बारात शाम चार बजे करकापाल पहुंची। इस बारात को देख लोग सेल्फी लेने के लिए भारी संख्या में पहुंच गए। मॉर्डन जमाने में देसी अंदाज की बारात को देखकर बुजुर्गों ने पुराने समय को याद किया। इस प्राचीन परंपरा को देख कर लोग बहुत खुश नजर आ रहे थे।
आने वाली पीढ़ी इस बात को याद करे (Modern Culture)
इस शादी में सियाराम पुड़ो, गजेंद्र उसेंडी, नरेश कुमेटी, बलि वड्डे समेत तमाम समाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। दुल्हे ने कहा कि सामाजिक पदाधिकारी होने के नाते पुरानी संस्कृति का दोहराना और उससे लोगों को परिचित करवाने का दायित्व निभाया। आने वाली पीढ़ी इस बात को याद करे। खर्चीली शादियों से अच्छा हमें अपनी प्राचीन संस्कृति को याद करना चाहिए और उसे फॉलो करना चाहिए।