Khabarwala 24 News New Delhi: Modi Oath Ceremony एनडीए गठबंधन के नेता नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार शाम को अपने तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ ही एनडीए गठबंधन के कई सांसद और केंद्रीय मंत्री भी पद की शपथ लेंगें। अब सवाल ये है कि प्रधानमंत्री दो बार शपथ क्यों लेते हैं? और प्रधानमंत्री शपथ में क्या बोलते हैं। चलिए आज हम आपको बताएंगे कि प्रधानमंत्री शपथ में क्या-क्या बोलते हैं।
शपथ समारोह (Modi Oath Ceremony)
हमारे देश में शपथ ग्रहण समारोह इतना महत्वपूर्ण क्यों होता है? राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री आखिरकार किस बात की शपथ लेते हैं? हमारे देश के संविधान में शपथ ग्रहण को लेकर क्या नियम हैं? आज हम आपको इससे जुड़े हुए नियम बताएंगे।
क्यों जरूरी शपथ? (Modi Oath Ceremony)
अब सवाल ये है कि आखिर शपथ ग्रहण क्यों जरूरी है। संविधान के मुताबिक सांसद, विधायक, प्रधानमंत्री व मंत्रियों को पदभार ग्रहण करने से पहले भारत के संविधान के प्रति श्रद्धा रखने की शपथ लेनी होती है। ऐसा नहीं करने पर जनप्रतिनिधि किसी भी सरकारी काम में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। इसके अलावा बिना शपथ के उन्हें सदन में सीट भी आवंटित नहीं होती और ना ही उन्हें सदन में बोलने दिया जाता है।
किस बात की शपथ लेते हैं? (Modi Oath Ceremony)
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, पंच-सरपंच और सरकारी सेवा के लिए पद की गरिमा बनाए रखने, ईमानदारी व निष्पक्षता से काम करने और हर हाल में देश की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलाई जाती है। शपथ की प्रकिया हिंदी, अंग्रेजी समेत किसी भी भारतीय भाषा में की जा सकती है।
मंत्रीपद की शपथ (Modi Oath Ceremony)
सांसद एवं विधायक पद की गरिमा बनाए रखने की शपथ लेते हैं। इसमें ईमानदारी व निष्पक्षता से काम करने और हर हाल में देश की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने का प्रण होता है। केंद्र एवं राज्य में मंत्री पद पर नियुक्त होने वाले सांसद तथा विधायक गोपनीयता की शपथ लेते हैं।
प्रधानमंत्री पद की शपथ (Modi Oath Ceremony)
मैं <नाम> ईश्वर की शपथ लेता हूं, कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा। मैं भारत की प्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण रखूंगा। मैं संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक एवं शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा। तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा।
गोपनीयता की शपथ (Modi Oath Ceremony)
मैं <नाम> ईश्वर की शपथ लेता हूं कि जो विषय संघ के प्रधानमंत्री/मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा, उसे किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को तब के सिवाय जबकि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के संवहन निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो। मैं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा।
लोकसभा में क्या होती है शपथ ? (Modi Oath Ceremony)
मैं <नाम> जो लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हुआ हूं, ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा। मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हूं, उसके कर्तव्यों का श्रद्धा पूर्वक निर्वहन करूंगा।
संविधान में शपथ के क्या हैं नियम ? (Modi Oath Ceremony)
प्रधानमंत्री को अनुच्छेद 75 के मुताबिक राष्ट्रपति के सामने शपथ ग्रहण करना होता है। शपथ के लिए एक निर्दिष्ट शपथ पत्र का पालन किया जाता है, जिसे प्रधानमंत्री पढ़ते हैं और स्वीकार करते हैं। शपथ के बाद एक आधिकारिक प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है, जिसमें प्रधानमंत्री की शपथ लेने की तारीख और समय अंकित होती है। इस पर प्रधानमंत्री से हस्ताक्षर भी करवाए जाते हैं।