Khabarwala 24 News New Delhi: मोदी सरनेम मामले (Modi Surname Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मिली सजा के निलंबन की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने राहुल गांधी के विरोध में दलीलें दे रहे शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से पूछा कि अदालत ने अधिकतम सजा देने के क्या ग्राउंड दिए हैं। कम सजा भी तो दी जा सकती थी। उससे संसदीय क्षेत्र की जनता का अधिकार भी बरकरार रहता। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को सुनाई सजा के फैसले पर रोक लगा दी है। जब तक अपील लंबित रहेगी, तब तक सजा पर रोक बरकरार रहेगी। राहुल गांधी अब संसद सत्र में भी भाग ले सकेंगे।
हाई कोर्ट का आदेश उपदेश जैसा: Supreme Court Of India
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश का आदेश पढ़ने में बहुत दिलचस्प है। उन्होंने इसमें बहुत उपदेश दिया है। वहीं सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मैं बता दूं कि कई बार कारण न बताने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आलोचना की जाती है, इसीलिए हाई कोर्ट ने विस्तृत कारण बताता है। ऐसी टिप्पणियां थोड़ी हतोत्साहित करने वाली हो सकती हैं। वहीं जस्टिस गवई ने कहा कि हम जानते हैं कि टिप्पणियां मनोबल गिराने वाली हो सकती हैं, इसीलिए हम उन्हें लिखने में वक्त लेते हैं, जब तक कि यह बहुत स्पष्ट न हो।
सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ मिला
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि सच्चाई की जीत हुई। कोर्ट से हमें इंसाफ मिला। भाजपा ने साजिश रची। सूरज को उदित होने से नहीं रोका जा सकता, फिर चाहे कितने ही बादल हों।
दो साल की 23 मार्च को कोर्ट ने सुनाई थी सजा
सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिया था। इसके साथ ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद राहुल ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका लगाकर निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।
मोदी सरनेम मानहानि (Modi Surname Case) मामले में क्या क्या हुआ ?
याचिका खारिज होने पर राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट के दोष पर रोक लगाने से इनकार करने वाले फैसले के खिलाफ केस किया है। सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार दिया था, साथ ही दो साल की सजा भी सुनाई थी। निचली अदालत ने राहुल को जमानत तो दे दी थी, लेकिन दोषी करार दिए जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। दोष सिद्धि पर रोक ना लगने की वजह से राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई थी। इस मामले में राहुल गांधी से पहले ही शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया था। पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि बिना उनका पक्ष को सुने कोर्ट कोई आदेश पारित ना करे।
Rahul Gandhi ने चुनाव प्रचार के दौरान 2019 में दिया था बयान
आपको बता दें कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।