Khabarwala 24 News Lucknow: Mukhtar Ansari माफिया से माननीय बनने वाले मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार की रात हार्ट अटैक से मौत हो गई। अपराध से लेकर राजनीति तक में उसकी तूती बोलती रही। लाल झंडे से राजनीति की शुरुआत करने वाले अंसारी परिवार को सपा और बसपा का साथ मिला तो हसरतें परवान भी चढ़ीं। मऊ से लगातार पांच बार विधायक बना। तीन बार तो जेल में रहते हुए ही विधायक चुना गया।
मुख्तार अंसारी के शव का पांच डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके अलावा पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। दूसरी तरफ, प्रशासन ने मुख्तार अंसारी का शव उसके गृह जनपद मऊ लाने के लिए रुट प्लान तैयार कर लिया है।
हार्ट अटैक से मुख्तार अंसारी की मौत (Mukhtar Ansari)
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक (कार्डियक अरेस्ट) से मौत हो गई। गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे मुख्तार की जेल में तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और करीब साढ़े आठ बजे के आसपास उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां दो घंटे तक उसका इलाज चला। उसे आईसीयू से सीसीयू में शिफ्ट किया गया। जहां रात साढ़े दस बजे के आसपास उसकी मौत हो गई।
खौफ का दूसरा नाम (Mukhtar Ansari)
मुख्तार अंसारी किसी समय में खौफ का दूसरा नाम हुआ करता था। 63 साल के मुख्तार पर यूपी के अलावा दिल्ली और पंजाब राज्यों में करीब 59 गंभीर मुकदमें दर्ज हैं। इनमें से दो में तो उसे आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी है। पंजाब जेल में मुख्तार की बादशाहत चलती थी, लेकिन जब से उसे प्रदेश की जेलों और खासतौर से बांदा की जेल में लाया गया, तभी मुख्तार माफिया कम और बीमार अधिक हो गया।
मुख्तार पर हत्या, लूट, डकैती, आर्म्स एक्ट,गैंगस्टर रंगदारी व धोखाधड़ी आदि के मामले दर्ज थे। इसमें भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या भी शामिल है। बताया जाता है कि मुन्ना बजरंगी व बृजेश सिंह के बीच छिड़े गैंगवार को बढ़ाने वाला भी मुख्तार अंसारी ही था। सियासत के साथ अपराधों की बढ़ती फेहरिस्त ने उसे बहुत कम समय में ही माफिया बना दिया था।
अवधेश राय हत्याकांड में हुई थी सजा (Mukhtar Ansari)
अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को पहली बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इससे पहले उसे अधिकतम 10 साल की सजा मिली थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब की रोपड़ जेल से वापस यूपी आने के बाद मुख्तार पर कानून का शिकंजा कसता चला गया। उसे डेढ़ साल के भीतर आठ बार अलग-अलग अदालतों ने सजा सुनाई, जिससे दो बार आजीवन कारावास की सजा भी शामिल थी। इससे उसका जिंदा जेल से बाहर आना नामुमकिन हो गया था।
पांच बार विधायक बना
मुख्तार की बेबसी के पीछे की वजह पारिवारिक सदस्यों का जेल में या फिर अलग-अलग मामलों में फरार होना है। मऊ से विधायक बेटा अब्बास अंसारी चित्रकूट जेल में है। उसकी पत्नी निखत अंसारी भी जेल में है। पत्नी आफ्शा अंसारी फरार चल रही है। उस पर इनाम घोषित किया जा चुका है। छोटा बेटा उमर अंसारी जमानत पर है।
गाजीपुर जिले के यूसुफपुर निवासी माफिया मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में पहली बार नाम वर्ष 1988 में हरिहरपुर के सच्चिदानंद राय हत्याकांड से सामने आया था। कुछ ही वर्षों में ही पूर्वांचल की तमाम हत्याओं और ठेकेदारी में मुख्तार का नाम खुलेआम लिया जाने लगा। सत्ता और प्रशासन का संरक्षण मिलने से मुहम्मदाबाद से निकलकर मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में बड़ा नाम हो गया। करीब 40 साल पहले राजनीति में कदम रखने वाला मुख्तार देखते ही देखते प्रभावशाली नेता बन गया। विधानसभा में पूर्वांचल की मऊ सीट से लगातार लोगों की पहली पसंद बनकर पांच बार विधायक बना।
करीब 18 साल जेल में रहा मुख्तार अंसारी
माफिया मुख्तार अंसारी करीब 18 साल तक जेल के सलाखों के पीछे ही रहा। मऊ दंगे के बाद मुख्तार अंसारी ने 25 अक्तूबर 2005 को गाजीपुर में आत्म समर्पण किया था और वहीं की जिला जेल में दाखिल हुआ था। मुहम्मदाबाद के फाटक निवासी मुख्तार अंसारी चार दशक तक अपराध की दुनिया में रहा। इस दौरान कई चर्चित आपराधिक घटनाओं में मुख्तार अंसारी का नाम आया। पूर्वांचल में कभी जिस मुख्तार अंसारी के इशारे पर सरकारें अपना निर्णय बदल लेती थी, आज उसी मुख्तार का अंत हो गया।
सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेल में बंद मुख्तार अंसारी के निधन के बाद गुरुवार रात अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। पूर्व विधायक अंसारी का शाम को दिल का दौरा पड़ने से बांदा के अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। बैठक में डीजीपी प्रशांत कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और हालात का जायजा लिया और अंसारी की मौत के कारण उत्पन्न सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को राज्यभर के सभी जिलों में कानून व्यवस्था बनाए रखने को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।