Mukhtar Ansari Khabarwala 24 News Gazipur:यूपी के जनपद गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट से माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के एक और मामले में दस साल की सजा सुनाई है। पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले भी एक अन्य गैंगस्टर के मामले में मुख्तार को दस साल की सजा हो चुकी है। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या में भी मुख्तार अंसारी को सबसे बड़ी सजा उम्रकैद की सुनाई जा चुकी है। आपको बता दें कि अब तक मुख्तार अंसारी को सात मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
शुक्रवार को गाजीपुर के करंडा थाने में दर्ज केस में एमपीएमएलए कोर्ट के जज अरविंद कुमार मिश्र की अदालत ने फैसला सुनाया। मुख्तार के अलावा सोनू यादव को भी सजा सुनाई गई है। उसे पांच साल की सजा और दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान मुख्तार को बांदा जेल से पेश किया गया। 2009 में करंडा क्षेत्र के सबुआ निवासी कपिलदेव सिंह की हत्या और मुहम्मदाबाद के अमीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले को आधार बनाकर मुख्तार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एमपी/ एमएलए कोर्ट में गत 17 अक्तूबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई थी। गुरुवार को दोनों को दोषी करार दिया गया था। आपको बता दें कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद वर्ष 2005 में दर्ज गैंगस्टर मामले में 29 अप्रैल 2023 को एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही चार लाख का जुर्माना भी लगाया था।
इस मुकदमें में हुई मुख्तार को सजा (Mukhtar Ansari)
19 अप्रैल 2009 को हुए कपिल देव सिंह हत्याकांड और 24 नवंबर 2009 को मीर हसन अटैक केस में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। इन कांड के मुख्य केस में मुख्तार अंसारी को कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया था। पुलिस ने इन दोनों ही मामले में मुख्तार अंसारी को 120 बी यानी साजिश रचने का आरोपी बनाया था, लेकिन पुलिस साजिश में शामिल होने को साबित नहीं कर पाई थी। इसकी वजह से दोनों ही मूल केस में कोर्ट ने बरी कर दिया था। मगर, अब गैंगस्टर एक्ट के केस में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इसके साथ ही सजा भी सुनाई है.
मुख्तार के खिलाफ दर्ज मुकदमें (Mukhtar Ansari)
मुख्तार अंसारी पर कुल 61 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें डेढ़ दर्जन केस कोर्ट में विचाराधीन है। अब तक छह मुकदमों में कोर्ट ने सजा सुनाई है। मुख्तार अंसारी गिरोह का पंजीकरण गाजीपुर में 14 अक्तूबर 1997 को हुआ था। आईएस (इंटर-स्टेट) 191 के रूप में गैंग दर्ज हुआ था। तब 22 सदस्य थे। वर्तमान में इस गिरोह में 19 सदस्य हैं। मुख्तार के विरुद्ध लखनऊ में पांच, आगरा में एक, बाराबंकी में दो, पंजाब में एक तथा वाराणसी तथा अन्य जनपदों में 52 मुकदमे हैं।
पुत्र और साले हैं जेल में, पत्नी फरार (Mukhtar Ansari)
मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी इस समय में चित्रकूट जेल में बंद है। वहीं पुलिस मुख्तार की पत्नी आफ्शां अंसारी की तलाश कर रही है। इसके अलावा मुख्तार के साले भी अलग-अलग जेलों में बंद हैं।
अवधेश राय हत्याकांड में अब तक हुई सबसे बड़ी सजा (Mukhtar Ansari)
मुख्तार अंसारी को अब तक वाराणसी के चर्चित अवधेश राय हत्याकांड में सबसे बड़ी सजा उम्रकैद और जुर्माने की सुनाई गई है। अवधेश राय यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई थे। वाराणसी में लहुराबीर के बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एलएलए) की कोर्ट ने पांच जून को उम्रकैद और 1.20 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। हत्याकांड के 31 साल 10 महीने के बाद फैसला आया था।
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी इस चर्चित हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। आपको बता दें कि लहुराबीर स्थित आवास के गेट पर तीन अगस्त 1991 को दिनदहाड़े अवधेश राय की ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। अवधेश राय के भाई पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, कमलेश सिंह, भीम सिंह व राकेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ न्यायिक के खिलाफ चेतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।