Monday, May 5, 2025

Nag-Nagin Ka Badla नाग-नागिन पर पुरानी मान्यता, क्या सच में नाग के मरने पर बदला लेती है नागिन, जानें इसके पीछे का विज्ञान

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Khabarwala 24 News New Delhi : Nag-Nagin Ka Badla देश में पुरानी मान्यता रही है कि अगर नाग को मार दिया जाता है तो उसकी आंखों में मारने वाले की तस्वीर कैद हो जाती है और बाद में उसकी नागिन अपने पार्टनर की मौत का बदला लेकर ही रहती है।

यह धारणा और इसलिए मजबूत हो जाती है कि हिंदी सिनेमा ने इसे और बल प्रदान किया। बॉलीवुड की बहुत सी ऐसी फिल्में नाग-नागिन के बदले पर आधारित बनाई गई है। लगभग सभी कहानियों में नागिन को बदला लेते हुए बताया गया है। ग्रामीण आज भी नाग-नागिन को मारने के बाद उसका सिर पूरी तरह कुचल देते हैं जिससे कि उसकी आंखें भी नष्ट हो जाएं।

क्या है आंख में तस्वीर बनने का सच (Nag-Nagin Ka Badla)

नाग- नागिन द्वारा बदला लेने की कहानी विज्ञान के मुताबिक किसी भी एंगल से सही नहीं दिखती।  नाग या नागिन की आंख में किसी तरह की कोई इमेज स्टोर नहीं होती, नागिन द्वारा बदला लेने की कहानी मनगढ़ंत है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। नागिन द्वारा इस तरह से बदला लेने की बात को विज्ञान ठीक इससे उलट बताता है।

मरते समय फेरोमोंस रिलीज करता है (Nag-Nagin Ka Badla)

जब नाग या फिर नागिन को मारा जाता है तो उस दौरान नाग या नागिन यूरिन करता है। खास तरह के फेरोमोंस रिलीज करता है। जिंदा रहने के वक्त फेरोमोंस अलग होते हैं और मरने के बाद अलग तरह के फेरोमोंस रिलीज होते हैं। मरते वक्त दर्द से कराह रहा नाग जो फेरोमोंस छोड़ता है। उसके बाद वहां नाग या नागिन पहुंचती है तो वह फेरोमोंस को सूंघकर इस बात का अंदाजा लगा लेती है कि यहां हमारे किसी साथी को मारा गया है।

कैसे काम करते हैं फेरोमोंस (Nag-Nagin Ka Badla)

मरे हुए नाग के फेरोमोंस को महसूस करने के बाद नागिन बेहद आक्रोशित हो जाती है और बदला लेने के लिए निकल पड़ती है। ऐसे में उसके सामने जो भी इंसान आ जाता है, नागिन उसको डस कर मारने की कोशिश करती है। इसके पीछे वजह यह भी है कि नाग या नागिन उस क्षेत्र में खुद को असुरक्षित महसूस करने लगता है। जिसकी वजह से भी वह सामने वाले इंसान को निशाना बना लेती है।

जलाने से भी नहीं मिटता सबूत (Nag-Nagin Ka Badla)

नाग या नागिन को मारने के बाद आमतौर पर लोग कहते हैं कि इसको गाड़ दिया जाए या फिर आग में जला दिया जाए। ऐसा करने के बाद भी घटनास्थल पर फेरोमोंस मौजूद रहते हैं। जिनको नाग या नागिन सूंघ कर इस बात का पता लगा लेती हैं कि यहां उनके किसी साथी को मारा गया है। जाहिर है कि जलाने से भी यह सबूत नहीं मिटता है।

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