Khabarwala 24 News New Delhi : Nag Panchami 2024 सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी मनाई जाती है। नाग पंचमी का पर्व नाग देवता को समर्पित होता है। इस पर्व में भगवान भोलेनाथ के साथ नाग देवता की विधि विधान से पूजा की जाती है।
Nag Panchami 2024 नाग पंचमी का पर्व इस साल 2024 में 9 अगस्त को मनाया जाएगा। यह तिथि 9 अगस्त को सुबह 8:15 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 10 अगस्त को सुबह 06:09 समाप्त हो जाएगी। अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष या पितृदोष है तो नागपंचमी पर कुछ विशेष उपाय करके इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं। जानते हैं उन उपायों के बारे में…
श्री सर्प सूक्त का पाठ करना चाहिए (Nag Panchami 2024)
Nag Panchami 2024 पूजा के विधान का महाभारत, नारद पुराण और स्कन्द पुराण आदि में उल्लेख मिलता है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प योग या पितृ दोष होता है। उनका जीवन परेशानियों से घिर जाता है। इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को नागपंचमी के दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ करना चाहिए। नागपंचमी के दिन श्रीमदभगवद पुराण और श्री हरिवंश पुराण का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
माथे पर शिवजी को चंदन अर्पित करें (Nag Panchami 2024)
Nag Panchami 2024 नाग पंचमी के दिन माथे पर शिवजी को चंदन अर्पित करें और खुद का चंदन का तिलक लगाएं। इसके साथ ही घर में सुबह शाम कपूर जलाएं। इससे पितृदोष दूर होते हैं। नागपंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सांप की आकृति बनाएं और पूरे विधि विधान से इसकी पूजा करें। ऐसा करने से आर्थिक लाभ होता है और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
चांदी का बना नाग नागिन दान करना (Nag Panchami 2024)
Nag Panchami 2024 नागपंचमी के दिन चांदी का बना नाग नागिन का जोड़ा किसी शिव मंदिर या अन्य मंदिर में दान करना शुभ होता है। इससे धनलाभ होने की संभावना होती है। नाग पंचमी के दिन शाम को सूरज ढ़लने के बाद नाग देवता के नाम पर मंदिरों और घर के कोनों में मिट्टी के कच्चे दीए में गाय का दूध रखकर छोड़ दें। पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए इस दिन नाग देवता की पूजा प्रत्यक्ष मूर्ति या चित्र के रूप में की जाती है।
नाग-नागिन की पूजा व सपेरे से मुक्ति (Nag Panchami 2024)
इस दिन सर्पों का दूध से स्नान किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन शिववास योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, कर्ण योग और हस्त नक्षत्र पड़ रहा है। नाग पंचमी के दिन इन दुर्लभ संयोग काल को सर्प दोष और राहु के दुष्प्रभावों को कम करने का सबसे सर्वोत्तम समय माना गया है। इस दिन अगर संभव हो, तो साक्षात नाग-नागिन की पूजा करें और उन्हें सपेरे से मुक्त कराने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
Disclaimer : यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Khabarwala 24 News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।