Khabarwala 24 News New Delhi : National Numbering Plan टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) जल्द ही एक बड़ा फैसला ले सकती है। सब्सक्राइबर्स की बढ़ती संख्या के कारण मोबाइल कंपनियों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। मोबाइल नंबर अब 10 से ज्यादा अंकों के हो सकते हैं।
दरअसल, 5G नेटवर्क आने के बाद मोबाइल नंबरिंग में लगातार परेशानी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस परेशानी को देखते हुए ट्राई ने नेशनल नंबरिंग प्लान को रिवाइस करने का फैसला किया है। बता दें कि इससे पहले साल 2003 में भी ट्राई ने ऐसा ही फैसला लिया था। नेशनल नंबरिंग प्लान की मदद से टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर की पहचान की जाती है और ये अहम भूमिका निभाते हैं। अब लगातार मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़ती जा रही है।
क्या है नेशनल नंबरिंग प्लान (National Numbering Plan)
टीआई के आवंटन और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दूरसंचार विभाग (DoT) फिक्स्ड और मोबाइल नेटवर्क दोनों के लिए दूरसंचार पहचानकर्ताओं का प्रबंधन करता है। नेशनल नंबरिंग प्लानिंग को 2003 में 750 मिलियन टेलीफोन कनेक्शन को अलोकेट करने के लिए डिजाइन किया गया था।
मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन के अनुसार, 21 साल बाद नंबरिंग रिसोर्स रिस्क पर है। बता दें कि भारत में इस समय 1,199.28 मिलियन टेलीफोन सब्सक्राइबर्स हैं और 31 मार्च 2024 तक भारत की टेलीडेंसिटी 85.69 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इस वजह से मौजूदा नंबर अलोकेशन सिस्टम को पूरी तरह से यूटिलाइज करने में परेशानी आ रही है।
मिल सकते नए सीरीज के नंबर (National Numbering Plan)
नए नंबरिंग प्लान के तहत दूरसंचार विभाग और ज्यादा मोबाइल नंबर अलोकेट कर पाएंगे। इससे यूजर्स को नंबर जारी करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी। फिलहाल दूरसंचार विभाग टेलीकॉम कंपनियों को रिसाइकिल किए हुए नंबर यूजर्स को जारी करने के लिए कह रही है।
ये वो मोबाइल नंबर हैं, जिसे पहले कोई यूज कर रहा होता है, लेकिन 90 दिनों से ज्यादा दिनों तक सिम बंद किए जाने के बाद उस नंबर को टेलीकॉम कंपनियां किसी दूसरे यूजर को अलोकेट कर देती है। वहीं नए नंबरिंग प्लान के आने के बाद टेलीकॉम कंपनियों को नया नंबर जारी करने के लिए नई सीरीज मिल सकती है।