Khabarwala 24 News New Delhi : Neelam Gemstone Benefit आपका जीवन ग्रहों की दशा से प्रभावित होता है। ज्योतिष शास्त्र और रत्न शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रहों की दशा या कुंडली दोष आपके जीवन में परेशानियां ला सकते हैं। हर ग्रह का कोई न कोई रत्न होता है, जो कुंडली के ग्रह दोष को खत्म कर अशुभ प्रभाव को शुभ प्रभाव में बदल सकते हैं। इन रत्नों को धारण करने से आपके जीवन में खुशियां आ सकती हैं। ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार नीलम के लाभ के लिए इसको पहनने के नियम का ध्यान रखना जरूरी है। वहीं भले ही नीला नीलम पहनने से धन और समृद्धि आती है, लेकिन इसे पहनने में कुछ सावधानी रखनी चाहिए वर्ना ये नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइये जानते शनि के रत्न नीलम के महत्व के विषय में, लेकिन इसको धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह जरूर लें। आइये जानते हैं कि नीलम रत्न कैसे पहनें और नीलम धारण करने का महत्व क्या है।
हो सकती है यह दिक्कत (Neelam Gemstone Benefit)
रत्न शास्त्र के अनुसार रत्न अपने ग्रहों के गुण के अनुसार लौकिक ऊर्जा अवशोषित और उत्सर्जित करते हैं। ये ऊर्जा, आपके विचारों, भावनाओं और कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं। नीलम शनि देव का रत्न है। यदि कुंडली में अगर शनि कमजोर स्थिति में हैं तो अशुभ प्रभाव देते हैं। वित्तीय परेशानी के साथ पारिवारिक जीवन में दिक्कत आती है, व्यक्ति के दुर्घटनाओं का भी शिकार होने की आशंका रहती है, लेकिन नीलम रत्न पहनने से आपको लाभ हो सकता है और परेशानी पैदा कर रहे शनि आपको शुभ फल देने लगेंगे।
नीलम पहनने का लाभ (Neelam Gemstone Benefit)
रत्न शास्त्र के अनुसार नीलम नीले रंग का पत्थर (रत्न) है। मान्यता है कि नीला नीलम पहनने से दिमाग तेज होता है, जिससे अच्छे वित्तीय निर्णय लेने में मदद मिलती है। यह जीवन में फोकस लाता है, आकर्षक अवसर पहचानने और निवेश में मदद करता है। इसके अलावा नीलम जीवन में अनुशासन और लचीलापन, वित्तीय क्षेत्र में सफलता लाता है। यह आपको जीवन की अस्थिरता से भी बचाता है। इससे आपके जीवन में खुशियां आने लगेंगे। मान्यता है कि इस रत्न को पहनने से व्यक्ति के भाग्य, धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
नियम और सावधानियां (Neelam Gemstone Benefit)
नीलम हमेशा रत्न के जानकार जौहरी से ही खरीदें। साथ ही यह ध्यान रहे कि रत्न असली, प्राकृतिक हो। इसका रंग खराब न हो। नीलम आम तौर पर दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में पहना जाता है। हालांकि ज्योतिषी जन्म कुंडली के आधार पर उचित सलाह दे सकता है। अधिकतम प्रभाव के लिए रत्न को अपनी त्वचा के संपर्क में पहनना आवश्यक है। नीलम की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए उसे सोने या चांदी में जड़ा जाता है। किसी भी क्षति से बचने के लिए रत्न को अंगूठी या पेंडेंट में सुरक्षित रूप से लगाया जाना चाहिए। सभी रत्नों की तरह नीलम के ऊर्जावान गुणों को बनाए रखने के लिए नियमित सफाई की आवश्यकता होती है। इसके लिए रत्न को पानी और नमक के घोल में डुबो सकते हैं या इसे कुछ घंटों के लिए सूरज की रोशनी में छोड़ दें। इस रत्न को शनिवार को और शनि के नक्षत्रों के समय ही धारण करना चाहिए।