Khabarwala 24 News New Delhi: night temperature देश के विभिन्न राज्यों में भीषण गर्मी का सितम जारी है। पारा रिकॉर्ड बना रहा है। राजस्थान के बाड़मेर में तापमान 49 डिग्री पहुंचने के बाद अब राज्य के फलौदी में टेम्प्रेचर 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। रात का तापमान भी बढ़ा हुआ है। भारतीय मौसम विभाग ने रात के तापमान को लेकर भी अलर्ट जारी किया है। IMDका कहना है, कई राज्यों में रात का बढ़ा हुआ तापमान परेशान कर सकता है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को लेकर यह अलर्ट जारी किया गया है।
रात का टेम्प्रेचर भी बनता है परेशानी (night temperature)
आमतौर पर माना जाता है कि दिन का बढ़ा हुआ तापमान खतरनाक होता है, लेकिन रात का टेम्प्रेचर भी परेशानी की वजह बनता है। जानिए, रात का बढ़ा हुआ तापमान कितना खतरनाक, यह कितना होना चाहिए और कैसे करता है परेशान?
कितना खतरनाक है रात का तापमान ? (night temperature)
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है, गर्मियों में एक तय समय पर कमरे का तापमान चेक करना चाहिए। सुबह 8 से 10 के बीच, दोपहर एक बजे और रात के 10 बजे के बाद तापमान चेक करें। दिन के समय कमरे का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से कम होना चाहिए। रात में कमरे का तापमान 24 डिग्री से अधिक नहीं होना चाहिए। रात का तापमान खासकर बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र के उन बुजुर्गों के लिए मेंटेन रखना जरूरी है जो सांस और दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। रात में घर को ठंडा रखें।
शरीर को ठंडा रखने का मौका नहीं देता (night temperature)
रात का बढ़ा हुआ तापमान भी खतरनाक होता है क्योंकि यह शरीर को ठंडा रखने का मौका नहीं देता। ये उन शहरों में ज्यादा बढ़ रहा है जो अर्बन हीट आइलैंड के लिए जाने जाते हैं। यानी जहां हरियाली कम और ऊंची-ऊंची इमारतों की संख्या ज्यादा है। अर्बन हीट आइलैंड उन्हें कहा जाता है जिन शहरों का तापमान आसपास के गांवों से अधिक बढ़ा हुआ होता है।
बुरी तरह नुकसान पहुंचा जा सकता है(night temperature )
वेदर डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, रात का बढ़ा हुआ तापमान भी मौत की वजह बन सकता है। जो पहले से बीमार हैं, उनके लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है। यह तापमान दिमाग, हार्ट, किडनी और मासंपेशियों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा जा सकता है।
कैसे जानलेवा बनती है रात की गर्मी ? (night temperature)
रात की गर्मी कैसे जानलेवा बन जाती है, अब इसे समझ लेते हैं। जब रात का तापमान गिरता है तो हवा में नमीं नहीं रुक पाती। यह ठंडी हो जाती है. आमतौर पर ऐसा रात में होता है। यही वजह है कि रात की ओस दिन में भी देखी जा सकती है। जब गर्मी में तापमान बढ़ता है तो शरीर खुद को ठंडा रखने की कोशिश करता है, लेकिन ह्यूमिडिटी बढ़ने के कारण शरीर खुद को ठंडा नहीं रख पाता। नमी शरीर के संपर्क में आती है और शरीर का तापमान तेजी से बढ़ सकता है, जिससे गर्मी से थकावट या हीट स्ट्रोक जैसी दिक्कत हो सकती है।
ज्यादा ह्यूमिडिटी बढ़ने पर सीधे तौर पर शरीर में पानी की कमी होती है (night temperature )
नतीजा, रात में शरीर पसीना छोड़ता है। बुजुर्गों में इसलिए भी खतरा ज्यादा होता है क्योंकि इनमें पानी की कमी हो जाते हैं। यही हाल बच्चों का भी होता है। यही वजह है कि ज्यादा ह्यूमिडिटी बढ़ने पर सीधे तौर पर शरीर में पानी की कमी होती है। ऐसा लगातार होता है तो चंद घंटों में शरीर के कुछअंगों के फेल होने का खतरा रहता है और जान भी जा सकती है।