Khabarwala 24 News New Delhi: Notes For The Joy Families Dead परिवार में किसी भी सदस्य का मरना सबसे बड़ी क्षति होती है। सभी धर्मों में मरने वाले व्यक्ति को आखिरी विदाई देने की अपनी परंपरा और कुछ नियम हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी परंपरा के बारे में बताने वाले हैं, जिसमें परिवार के सदस्य के मरने के बाद परिवार के लोग नोट जलाते हैं।आप ये चुनकर चौक जाएंगे कि भला नोट कौन जलाता है। लेकिन ये सच है। चलिए जानते हैं कहां पर लोग ऐसा करते हैं।
ताइवान और चीन (Notes For The Joy Families Dead)
आपको बता दें कि चीन और ताइवान के कुछ हिस्सों में एक पुरानी परम्परा है। यहां विशेष धार्मिक अवसरों और परिजनों के मरने पर इस बात का ख़्याल रखा जाता है कि उनकी दूसरी ज़िंदगी बिना किसी परेशानी के बीते। इस कारण अपने परिजनों को खुश देखने की आस में यहाँ के लोग उनकी मौत के बाद नोट जलाते हैं।
घोस्ट मनी (Notes For The Joy Families Dead)
यहां के लोगों का मानना है कि मरने के बाद इंसान को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसलिए यहां पर परिजन मरने के बाद नोट जलाते हैं, हालांकि ये नोट नकली होते हैं। इस नकली नोट को घोस्ट मनी कहते हैं। जानकारी के अनुसार इस घोस्ट मनी को वहां दूसरे नामों से भी जाना जाता है, जैसे जॉस पेपर, पिनयिन, शेड अथवा डार्क मनी आदि। जानकारी के अनुसार परम्परागत रूप से जॉस पेपर खुरदरे बाँसों से बने होते हैं। जॉस को वर्ग अथवा चतुर्भुज आकारों में काटा जाता है। सामान्यता इनका रंग सफ़ेद होता है, जो मृत स्वजन के प्रति संवेदना को दर्शाता है। इनके मध्य स्वर्ण अथवा चांदी जड़ित एक वर्गाकार फ्वॉयल चिपकायी जाती है। इसे धन-दौलत का सूचक माना जाता है।
क्या है नोट जलाने के नियम (Notes For The Joy Families Dead)
आपको बता दें कि वहां पर नोट को ऐसे ही नॉर्मल तरीके से नहीं जलाया जाता है। नोट या जॉस पेपर को जलाने के कुछ नियम हैं, जिसके तहत उन्हें बिल्कुल आदर के साथ जलाया जाता है। वहीं इसे जलाने के लिये मिट्टी के बर्तन अथवा चिमनी का प्रयोग किया जाता है। हालांकि समय के साथ इस परम्परा में कुछ परिवर्तन जरूर हुए हैं। अब परम्परागत कागज की जगह बैंक नोट, चेक, चीन की मुद्रा युआन, क्रेडिट कार्ड आदि जलाये जाते हैं। ये बैंक नोट 10000 डॉलर से लेकर 5 अरब डॉलर तक के होते हैं। इन नोटों के अग्र भाग पर जेड सम्राट और पिछले भाग पर बैंक ऑफ हैल की तस्वीर होती है। जानकारी के अनुसार एशिया में घोस्ट मनी की परम्परा करीब 1000 वर्ष पुरानी है।