Khabarwala 24 News New Delhi :Opera House आपने कभी ऐसे थिएटर के बारे में सुना है, जिसमें परफॉर्मेंस एक देश में होती हो और दर्शक दूसरे देश में उसे सुनने या देखने के लिए बैठते है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। आपको बता दें कि ऐसा ही एक ओपेरा हाउस अमेरिका और कनाडा की सीमा पर स्थित है। इसका नाम हास्केल फ्री लाइब्रेरी एंड ओपेरा हाउस है।
विक्टोरियन युग की यह इमारत एक ओपेरा हाउस और लाइब्रेरी का प्रतिनिधित्व करती है। इसे जानबूझकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बनाया गया था, ताकि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सद्भाव बना रहे।
1904 में खुला था ओपेरा हाउस (Opera House)
इस भवन का आधा हिस्सा यानी कि ओपेरा हाउस के दर्शक दीर्घा की सीटें अमेरिकी भूमि पर स्थित हैं, जबकि दूसरी सीमा के आधे भाग में लाइब्रेरी और ओपेरा हाउस का मंच आता है। इसे आप अमेरिका की बिना किताबों वाली लाइब्रेरी और बिना मंच वाला ओपेरा हाउस भी कह सकते हैं। ओपेरा हाउस 7 जून 1904 में खोला गया था. इसके बाद लाइब्रेरी को मार्था हास्केल नाम की एक धनी स्थानीय महिला ने शुरू किया था, जिसका उद्देश्य सीमा क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों के बीच आपसी सामंजस्य को बनाए रखना था.
दुनियाभर के आते हैं कलाकार, संगीतकार (Opera House)
क्वीन-ऐनी स्टाइल स्ट्रक्चर पर बने इस बड़े बहुमंजिला भवन में लाइब्रेरी का प्रवेश द्वारा यूएस की ओर से है, जबकि लाइब्रेरी की किताबें कनाडा की सीमा पर संग्रहित की गई हैं। ऐसे ही ओपेरा हाउस की दर्शक दीर्घा यूएस सीमा पर आती है, जबकि मंच कनाडा की सीमा में रहता है। यह मंच दुनिया भर के कलाकारों, संगीतकारों और व्याख्याताओं की मेजबानी करता है। 400 सीटों वाला थिएटर ना सिर्फ अपने अनोखे स्थल के लिए बल्कि इसलिए भी पहचाना जाता है क्योंकि 1904 में इसके निर्माण के बाद इसमें एलिवेटर व स्प्रिंकलर सिस्टम के अतिरिक्त कोई बदलाव नहीं किया गया है।
राष्ट्रीय विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध (Opera House)
पुस्तकालय के मुख्य कक्ष के नीचे एक काली पट्टी भी बनाई गई है, ताकि सीमा का पता चल सके। इस भवन में बनी लाइब्रेरी में अमेरिका और कनाडा दोनों देशों के कर्मचारी काम करते हैं। ऐसे में यहां पर अंग्रेजी और फ्रेंच दोनों भाषाओं में सेवाएं दी जाती हैं। अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण हास्केल भवन को कनाडा और अमेरिका दोनों में राष्ट्रीय विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। भवन में प्रवेश करने वाले कनाडाई-अमेरिकी लोग भले सीमा पार कर रहे हों, लेकिन उन्हें सीमा शुल्क देने की यहां पर कोई जरूरत नहीं पड़ती है।