Khabarwala 24 News New Delhi : Paytm App भारत की अग्रणी डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम को 28 फरवरी 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के कथित उल्लंघन को लेकर कारण बताओ नोटिस (SCN) प्राप्त हुआ। ये आरोप पेटीएम की मूल इकाई वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (OCL) द्वारा अधिग्रहित दो सहायक कंपनियों-लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड (LIPL) और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (NIPL)-से जुड़े हैं। कंपनी के अनुसार, ये कथित उल्लंघन मुख्य रूप से 2015 और 2019 के बीच उन लेन-देन से संबंधित हैं, जो पेटीएम के इन कंपनियों में निवेश करने से पहले हुए थे।
पेटीएम की प्रतिक्रिया (Paytm App)
पेटीएम ने स्पष्ट किया कि वह कानूनी सलाह ले रही है और इस मामले को हल करने के लिए नियामक प्रक्रियाओं के अनुसार आवश्यक कदम उठा रही है। कंपनी ने अपने उपयोगकर्ताओं, व्यापारी भागीदारों और निवेशकों को आश्वस्त किया कि इस जांच का उसके दैनिक संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सेवाएं पूरी तरह से चालू (Paytm App)
पेटीएम ऐप पर सभी सेवाएं पूरी तरह से चालू और सुरक्षित बनी रहेंगी। पेटीएम ने यह भी कहा कि वह नियामक आवश्यकताओं के अनुरूप मामले को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी का यह रुख भारत के वित्तीय और डिजिटल भुगतान क्षेत्र में उसकी जिम्मेदारी और पारदर्शिता को दर्शाता है।
बाजार पर संभावित प्रभाव (Paytm App)
इस घटनाक्रम का पेटीएम के शेयर बाजार प्रदर्शन पर क्या असर पड़ेगा। यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। हालांकि पेटीएम का कहना है कि वह अपने मुख्य भुगतान और वित्तीय सेवाओं के व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी कार्यक्षमता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
निर्बाध सेवाएं तय करें (Paytm App)
पेटीएम द्वारा अधिग्रहित कंपनियों से जुड़े फेमा उल्लंघन के आरोपों का समाधान नियामक प्रक्रियाओं के तहत किया जाएगा। कंपनी की प्राथमिकता निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करना है। यह मामला डिजिटल भुगतान क्षेत्र में विनियामक अनुपालन के महत्व को भी उजागर करता है, जिससे भविष्य में कंपनियां अपने निवेश और अधिग्रहण से पहले अतिरिक्त सतर्कता बरत सकती हैं।