Khabarwala 24 News New Delhi: petrol diesel called hindi आज के दौर में कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल अधिकांश इंसान कर रहे हैं। इसमें मोबाइल फोन के बाद पेट्रोल और डीजल भी है। पेट्रोल और डीजल फोन की तरह ही इंसान के जीवन प्रमुख चीजों में शामिल हो चुका है।
petrol diesel called hindi क्योंकि अधिकांश लोग आज के वक्त गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें पेट्रोल और डीजल दोनों पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं। गाड़ियों का हर रोज इस्तेमाल करने वाले लोग भी नहीं जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं।
डीजल-पेट्रोल (petrol diesel called hindi)
petrol diesel called hindi आपको बता दें कि आज अधिकांश लोगों के जीवन में पेट्रोल और डीजल एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। क्योंकि गाड़ियां हर किसी के पास आज मौजूद है और अधिकांश गाड़ियां पेट्रोल और डीजल से चलती हैं। दुनिया भर के लोग पेट्रोल-डीजल को पेट्रोल-डीजल ही कहते हैं।
petrol diesel called hindi हालांकि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से लोग परेशान होते हैं, लेकिन इन फ्यूल की जरूरत ऐसी है कि सस्ता या महंगा दोनों होने पर इस्तेमाल में कमी नहीं आती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पेट्रोल और डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं? क्योंकि पेट्रोल और डीजल कोई हिंदी शब्द नहीं है। चलिए आज हम आपको बताएंगे कि पेट्रोल और डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं।
डीजल-पेट्रोल का हिंदी नाम (petrol diesel called hindi)
petrol diesel called hindi कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार पेट्रोल को हिंदी में शिलातैल या ध्रुवस्वर्ण कहा जाता है। हालांकि पेट्रोल के अन्य हिंदी नाम जो प्रचलन में है, उनमें ईंधन, तेल, साफ किया पेट्रोलियम, साफ किया मिट्टी का तेल कहा जाता है। वहीं डीजल को भी हिंदी में शिलातैल या ध्रुवस्वर्ण कहा जाता है। आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल दोनों ही ज्वलनशील पदार्थ है। इन दोनों का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाता है। हालांकि आज के वक्त में प्रदूषण को कम करने के लिए सभी सरकारें काम कर रही है। जिस कारण अब सड़कों पर इलेक्ट्रीक और सीएनजी बसों और कारों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।
petrol diesel called hindi आटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े कुछ एक्सपर्ट ने बताया कि आने वाले कुछ दशकों में सड़कों पर इलेक्ट्रीक बसों और कारों की संख्या बढ़ेगी और डीजल-पेट्रोल कार को धीरे-धीरे सरकार हटा देगी, जिससे प्रदूषण पर काफी हद तक रोक लगेगी।