Sunday, July 7, 2024

Phalgun Amavasya 2024 फाल्गुन अमावस्या कब है, श्राद्ध कर्म, पितृ तर्पण, दान-पुण्य का महत्व, इन अचूक उपायों से होगा शुभ

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Khabarwala 24 News New Delhi : Phalgun Amavasya 2024 वैसे तो वर्षभर के 12 माह में 12 अमावस्या पड़ती हैं, लेकिन उनमें से कुछ दिन जैसे श्राद्ध कर्म, पितृ तर्पण, दान-पुण्य आदि के कार्य करने के लिए बहु‍त खास माने जाते हैं। फाल्गुन अमावस्या उन्ही में से एक तिथि है, जो धार्मिक कार्यों के लिए बहुत खास मानी जाती हैं। 10 मार्च 2024 रविवार को फाल्गुन अमावस्या है। फाल्गुन अमावस्या पर श्राद्ध कर्म, पितृ तर्पण, दान-पुण्य करने का खास महत्व है। हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना जाता है। पितृ-तर्पण, श्राद्ध आदि कार्यों के लिए यह दिन अतिशुभ होता है। फाल्गुन अमावस्या यानी हिन्दू वर्ष के अंतिम माह में पड़ने वाली अमावस्या। फाल्गुन या फागुन माह में आने वाली अमावस्या को फाल्गुनी अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है। फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि पर फाल्गुन अमावस्या मनाई जाती है।

फाल्गुन अमावस्या तिथि (Phalgun Amavasya 2024)

9 मार्च 2024 को 18:19:59 से अमावस्या आरम्भ

10 मार्च 2024 को 14:32:12 पर अमावस्या समाप्त

फाल्गुन अमावस्या पर कौनसे कार्य करना शुभ होता है (Phalgun Amavasya 2024)

स्नान करना और दान-पुण्य करना (Phalgun Amavasya 2024)

मान्यतानुसार फाल्गुन अमावस्या के दिन कई धार्मिक तीर्थों पर बड़े-बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। फाल्गुनी अमावस्या का महत्व पौराणिक शास्त्रों में मिलता हैं, जिसके अनुसार फाल्गुन मास में आने वाली इस फाल्गुनी अमावस्या का बेहद महत्व है। इसका एक विशेष कारण यह भी है कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या के ठीक एक दिन पहले महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है, जो कि देवाधिदेव महादेव का पावन पर्व है। चूंकि इसके साथ इतना पवित्र और शुभ दिन जुड़ा होता है, अत: फाल्गुन अमावस्या के दिन गंगाल नदी तट, सरोवार में स्नान करना और दान-पुण्य करना बहुत ही शुभ होता है।

सुख-समृद्धि और घर में भी बरकत (Phalgun Amavasya 2024)

इस संबंध में यह भी माना जाता है कि फाल्गुन अमावस्या पर देवताओं का निवास संगम तट पर होता है। तथा जब कुंभ का पवित्र आयोजन हो, तब तो इस संगम स्नान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। अत: कुछ खास तिथियों पर प्रयाग संगम स्नान का भी अति महत्व कहा गया है। मान्यता के अनुसार यदि दिन धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु सायंकाल के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए, जिसमें रूई की बत्ती के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करने से मां लक्ष्मी अपनी अपार कृपा बरसाती है तथा प्रसन्न होकर घर में धन-संपन्नता, सुख-समृद्धि बरसाती हैं तथा घर में बरकत आती है।

फाल्गुन अमावस्या पर कौनसे अचूक उपाय शुभ होता है (Phalgun Amavasya 2024)

धन की देवी मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिये (Phalgun Amavasya 2024)

धन की देवी मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें। साथ ही दीये में थोड़ी-सी केसर भी डाल दें। यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का आसान उपाय है। कोई भी बेरोजगार व्यक्ति अगर फाल्गुन अमावस्या की रात ये उपाय करें तो निश्चित ही उसे रोजगार प्राप्त होगा। इसके लिए 1 नींबू को साफ करके सुबह से ही अपने घर के मंदिर में रख दें। फिर रात के समय इसे 7 बार बेरोजगार व्यक्ति के सिर से उतार लें और 4 बराबर भागों में काट लें। फिर एक चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में इसको फेंक दें और पीछे मुड़कर ना देखें।

पितरों के तर्पण का भी इसदिन विशेष महत्व है (Phalgun Amavasya 2024)

हर अमावस्या पर पितरों के तर्पण का भी विशेष महत्व है। इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें। पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। अमावस्या के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और अपने पितरों को स्मरण करें। पीपल की सात परिक्रमा लगाएं। रुद्र, अग्नि और ब्राह्मणों का पूजन करके उन्हें उड़द, दही और पूरी आदि का नैवेद्य अर्पण करें और स्वयं भी उन्हीं पदार्थों का एक बार सेवन करें। शिव मंदिर में जाकर गाय के कच्चे दूध, दही, शहद से शिवजी का अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पित करें।

इस दिन संगम पर देवताओं का निवास होता है (Phalgun Amavasya 2024)

अमावस्या शनिदेव का दिन भी माना जाता है। इसलिए पूजा करना जरूरी है। अमावस्या के लिए शनि मंदिर में नीले पुष्प अर्पित करें। काले तिल, काले साबुत उड़द, कड़वा तेल, काजल और काला कपड़ा अर्पित करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन अमावस्या पर पवित्र नदियों में देवी-देवताओं का निवास होता है, अतः इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान का विशेष महत्व है। यदि फाल्गुन अमावस्या सोमवार के दिन हो तो, इस दिन महाकुंभ स्नान का योग भी बनता है, जो अनंत फलदायी होता है। इस दिन गंगा स्नान बहुत ही शुभ माना जाता है। यह भी माना जाता है कि इस दिन संगम पर देवताओं का निवास होता है। फाल्गुनी अमावस्या पर कई धार्मिक तीर्थों पर फाल्गुन मेलों का आयोजन भी होता है। इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-पुण्य अवश्य करना चाहिए।

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