Khabarwala24 News Pilkhuwa (HAPUR) : गांव गालंद में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। मामले को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने गांव के पंचायत घर के सामने प्लांट का विरोध कर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने किसी भी कीमत पर प्लांट न बनने देने की चेतावनी दी है। इस अलावा उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी है।
प्लांट का ग्रामीणों ने किया विरोध :
प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि यदि यहां पर प्लांट का निर्माण होता है तो आस-पास का पूरा क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। कई प्रकार की बीमारियां यहां जन्म लेंगी। ग्रामीण अब किसी भी हाल में प्लांट यहां नहीं बनने देंगे।
अधिवक्ता राजीव तोमर, मनोज तोमर ने कहा की प्रशासन जहां डंपिंग ग्राउंड का निर्माण कर रहा है वह उपजाऊ भूमि है। वह एक आम रास्ता है और यहां पर कई शिक्षण संस्थान भी हैं। इसके निर्माण होने से पूरा क्षेत्र प्रदूषित हो जाएगा और गंग नहर का स्वच्छ जल काला हो जाएगा। क्षेत्र का हाल गाजीपुर जैसा हो जाएगा कूड़े के ढेर लग जायेंगे। गांव देहरा, खिचरा , पीपलेहडा, छिजरसी, हिंदालपुर, लाखन आदि की फसलें बर्बाद हो जाएंगी।
यह रहे मौजूद
प्रदर्शन करने वालों में हरिओम तोमर, तिलक शर्मा, जितेंद्र तोमर, मनवीर, ग्राम प्रधान संजय कोरी, अमन तोमर, मूलचंद, प्रदीप तोमर, नवीन तोमर, प्रवीण तोमर, उपेंद्र, दिनेश गौतम, शीशपाल सिंह, ब्रजमोहन सिंह, आशु तोमर, शिव कुमार, धर्मपाल आदि उपस्थित रहे।
क्या है मामला
गाजियाबाद नगर निगम की गांव गालंद में लगभग 45 एकड़ जमीन है। इस जमीन पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और नीदरलैंड की जीसी इंटरनेशनल कंपनी के बीच सितंबर 2018 में एमओयू साइन हुआ था। विधानसभा चुनाव से पहले गाजियाबाद नगर निगम और कंपनी के लोगों ने चिह्नित जमीन पर निर्माण शुरू करने की शुरूआत की थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते मामला अधर में लटक गया था। इसके बाद अनेकों बार प्रयास हुए लेकिन, निगम के अधिकारियों को सफलता नहीं मिल सकी थी। लगभग चार माह पहले गाजियाबाद नगर निगम ने हापुड़ जिला प्रशासन को पत्र लिखकर चिह्नित जमीन की चारदीवारी करने के लिए सहयोग मांगा था। इसके चलते तत्कालीन धौलाना उपजिलाधिकारी दिग्विजय सिंह ने बैठक कर ग्रामीणों से वार्ता की थी लेकिन, बात नहीं बन सकी। तब से लेकर आज तक यह विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है।