Khabarwala 24 News Hapur: Railway News केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए रेल बजट में गाजियाबाद-मुरादाबाद-रोज रेल खंड को कवच की सुरक्षा मिलेगी। रेल बजट में इसकी घोषणा हुई है। बता दें कि यह कार्य पहले से ही प्रस्तावित था, लेकिन रेल बजट के बाद इसे हरी झंडी मिल गई है। सब कुछ सही रहा तो हापुड़ से गाजियाबाद के बीच रेलवे ट्रैक पर यह काम करना शुरू कर देगा। इसके शुरू होने से ट्रेनों की टक्कर को ओ काफी हद तक रोका जा सकता है।
ट्रेनों की नहीं होगी टक्कर (Railway News)
ओडिसा के बालासोर हादसे के बाद रेलवे इस ओर तेजी से काम कर रहा है। रोडियो फ्रीक्वेंसी पर आधारित यह प्रणाली ट्रेनों की टक्कर रोकने में मदद करेगी। मुरादाबाद मंडल के रेलवे अफसरों ने बताया कि यदि एक ही लाइन पर दो ट्रेनें आ रही होंगी तो ट्रेन चालक और सिग्नल की गलती होने के बाद भी उनकी टक्कर नहीं होगी। बताया गया कि 500 से 1000 मीटर पहले दोनों ट्रेनों के अपने आप ब्रेक लi जाएंगे। इसके लिए रेलवे ट्रेक पर आॅप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है। सिग्नल को इससे जोड़ा जा रहा है। ट्रेक से इंजनों तक रेडियो फ्रीक्वेंसी वाली डिवाइस लगाई जाएगी। गाजियाबाद से रोजा तक 310 किलोमीटर के रेलखंड में इस कवच प्रणाली को लगाया जाएगा। रेलवे स्टेशनों पर माॅनिरटरिंग के लिए कंट्रोल की व्यवस्था की जाएगी।
कैसे करती है कवच प्रणाली काम (Railway News)
कवच प्रणाली में हाई फ्रीक्वेंसी के रेडियो कम्युनिकेशन का इस्तेमाल किया जाता है। रेलवे अधिकारियों की माने तो कवच एसआईएल-4 के अनुरूप है, जो किसी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है। इस प्रणाली से पांच किलोमीटर के दायरे की सभी ट्रेनें इससे जोड़ी जा सकती हैं। 160 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की रफ्तार से चल रही ट्रेनों को कवच प्रणाली से रोकने में सक्षम है। बताया गया कि कवच प्रणाली पीछे से टक्कर, आमने सामने से टक्कर, और खतरे का संकेत मिलने पर ट्रेनों को रोक देगी। कवच तकनीक आॅटोमेटिक तरीके से ब्रेक लगा देगी। फाटक के पास आते ही चालक के हस्तक्षेप के बिना कवच डिवाइस अपने आप सीटी बजाना शुरू कर देगी