Khabarwala 24 News New Delhi : Ram-Janaki Path भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े स्थलों को सड़क मार्ग से जोड़ने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अयोध्या (उत्तर प्रदेश) और सीतामढ़ी (बिहार) को जोड़ने वाले 240 किलोमीटर लंबे राम जानकी पथ के अंतिम एलाइनमेंट को हाल ही में मंजूरी दे दी है। यह मार्ग भगवान श्रीराम और माता सीता के जीवन से जुड़ी स्थलों को जोड़ने वाला एक सांस्कृतिक हाईवे होगा, जिसकी कुल लागत लगभग 6155 करोड़ रुपये आंकी गई है।
अयोध्या से नेपाल सीमा तक रामायण पथ (Ram-Janaki Path)
यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की परियोजना उत्तर प्रदेश के मेहरौना घाट से शुरू होकर नेपाल सीमा के पास सीतामढ़ी के भिट्ठा मोड़ तक जाएगी। राम जानकी पथ की कुल लंबाई लगभग 240 किलोमीटर होगी, जो बिहार के सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी जिलों से होकर गुजरेगी। परियोजना का उद्देश्य न सिर्फ भारत के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि सीमावर्ती इलाकों की कनेक्टिविटी को भी मजबूत बनाना है।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बड़ा बढ़ावा (Ram-Janaki Path)
राम जानकी पथ के निर्माण से भगवान श्रीराम के जन्मस्थान अयोध्या और माता सीता के जन्मस्थान पुनौरा धाम, सीतामढ़ी के बीच सड़क यात्रा को सुगम बनाया जाएगा। यह मार्ग दोनों धार्मिक स्थलों के बीच श्रद्धालुओं को आसान और सुरक्षित यात्रा का अवसर देगा। परियोजना के पूरा होने पर रामायण सर्किट से जुड़े कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल एक-दूसरे से सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना की स्थिति और लागत विवरण (Ram-Janaki Path)
परियोजना को तीन खंडों में विभाजित किया गया है
मेहरौना से सीवान तक: लंबाई: लगभग 50 किमी, अनुमानित लागत: 1254 करोड़ रुपये, स्थिति: टेंडर प्रक्रिया पूर्ण
सीवान से मसरख तक: लंबाई: लगभग 40 किमी, अनुमानित लागत: 1351 करोड़ रुपये, स्थिति: टेंडर प्रक्रिया पूर्ण
मसरख से भिट्ठा मोड़ (सीतामढ़ी) तक: लंबाई: लगभग 150 किमी, अनुमानित लागत: 3500 करोड़ रुपये
एलाइनमेंट स्वीकृति समिति की भूमिका (Ram-Janaki Path)
इस परियोजना की अंतिम एलाइनमेंट को हाल ही में मंत्रालय की एलाइनमेंट स्वीकृति समिति (Alignment Approval Committee) ने मंजूरी दी है। समिति ने विशेष रूप से मसरख से भिट्ठा मोड़ के बीच के मार्ग को हरी झंडी दी है। यह मंजूरी परियोजना के लिए मील का पत्थर मानी जा रही है, क्योंकि इससे अब भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी।
रेलवे परियोजना को भी मिली हरी झंडी (Ram-Janaki Path)
सड़क परियोजना के समानांतर, केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2024 में अयोध्या-सीतामढ़ी रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण की योजना को भी मंजूरी दी थी। इस योजना की कुल अनुमानित लागत 4563 करोड़ रुपये है। राज्य सरकार ने इस योजना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई। इस परियोजना से दोनों शहरों के बीच ट्रेन यात्रा भी सुगम और तेज हो सकेगी।
राज्य सरकार की भूमि अधिग्रहण पहल (Ram-Janaki Path)
बिहार सरकार ने राम जानकी पथ परियोजना को समर्थन देने के लिए कई कदम उठाए हैं। सितंबर 2024 में राज्य सरकार ने सीतामढ़ी के पुनौरा धाम के पास 50 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी। इस जमीन का उपयोग मंदिर क्षेत्र के चारों ओर आवश्यक बुनियादी सुविधाओं और श्रद्धालुओं के लिए ठहरने, यातायात और अन्य व्यवस्था के लिए किया जाएगा।
धार्मिक स्थलों के समग्र विकास की योजना (Ram-Janaki Path)
राम जानकी पथ के साथ-साथ, बिहार सरकार ने फरवरी 2025 में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के अन्य धार्मिक स्थलों के विकास के लिए पर्यटन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस प्रस्ताव में हरिहर मंदिर, सोनपुर, सोमेश्वर नाथ मंदिर, अरेराज, सिहेनेश्वर स्थान, मधेपुरा, कुशेश्वर स्थान, दरभंगा, पूरण देवी मंदिर, पूर्णिया को शामिल किया गया है। सभी स्थलों पर समग्र विकास कार्य किए जाएंगे, जिनमें बुनियादी ढांचा, सड़क, जल निकासी, रोशनी, पार्किंग और पर्यटन सुविधाओं का निर्माण होगा।