Khabarwala 24 News New Delhi : Ram Mandir रामलला के दर्शन के लिए देश के कोने कोने से भक्त आ रहे हैं। हर कोई गर्भगृह में विराजमान अपने आराध्य भगवान श्रीराम का दर्शन करना चाहता है। राम मंदिर के निर्माण को लेकर चारों तरफ खुशी का माहौल है। कोई हजारों मील पैदल चलकर अयोध्या पहुंच रहा है तो कोई अपना 40 साल का मौन व्रत तोड़ रहा है। अपने नए घर में विराजमान रामलला के दर्शन करने को हर कोई आतुर है। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके साथ ही पिछले 40 साल से मौन धारण किए हुए मौनी बाबा का मौन व्रत टूट जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम का नाम लेकर वो अपना मौन व्रत तोड़ेंगे। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि ये मौनी बाबा आखिर कौन हैं? ये बाबा कब से और क्यों मौन धारण किए हुए थे, इसके पीछे की वजह क्या थी?
कौन हैं मौनी बाबा? (Ram Mandir)
राम मंदिर के निर्माण को लेकर साधू-संतों ने कई त्याग किए। उन संतों में मध्य प्रदेश के मौनी बाबा का भी नाम शामिल है। मोहन गोपाल दास के नाम से जाने जाने वाले मौनी बाबा अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा हटाने वाले कार्य सेवकों के साथ थे। मौनी बाबा ने 1984 में न बोलने का प्रण लिया था।
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राम का नाम लेंगे (Ram Mandir)
उन्होंने कहा था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता और रामलला अपने सिंहासन पर विराजमान नहीं हो जाते तब तक वो मौन धारण किए रहेंगे। राम मंदिर के निर्माण के बाद ही वो अपनी चुप्पी तोड़ेंगे। 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन समारोह होने जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मौनी बाबा भगवान राम का नाम लेकर अपनी चुप्पी तोड़ेंगे।
निमंत्रण की आस (Ram Mandir)
मौनी बाबा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण की बाट जोह रहे हैं। उम्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी ने उन्हें उद्घाटन समारोह का न्योता भेजा होगा। प्राण प्रतिष्ठा के न्योते की आस में वो रोज एसपी ऑफिस और डीएम ऑफिस का चक्कर लगाते हैं। इस मामले में उन्होंने डीएम और एसपी को लेटर भी लिखा है। बता दें कि मौनी बाबा सभी सवालों के जवाब स्लेट पर लिखकर बताते हैं। मौनी बाबा एमपी के दतिया में रहते हैं।