Khabarwala 24 News New Delhi : Ram Navami 2024 त्रेता युग में इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने भक्तों के दुख दूर करने और दुष्टों का अंत करने के लिए धरती पर जन्म लिया था। हिंदू धर्म में राम नवमी का विशेष महत्व है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम की पूजा-अर्चना की जाती है। इसी दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की भी अराधाना की जाती है। इसके साथ ही नवरात्रि का समापन होता है। पंचाग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01:30 बजे से शुरू होगी, जो 17 अप्रैल को दोपहर 3:14 बजे तक रहेगी। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के लिए उदया तिथि मान्य होती है इसलिए इस साल राम नवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा।
क्या है शुभ मुहूर्त (Ram Navami 2024)
Ram Navami 2024 राम नवमी के दिन भगवान राम की उपासना के लिए 17 अप्रैल को शुभ मुहूर्त सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक रहेगा। भगवान राम का इस दौरान पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन रामचरित मानस का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है। इस दिन यदि आप किसी कारण से प्रभु राम की पूजा-अर्चना नहीं कर पाएं तो कम से कम राम नाम का जाप 108 बार जरूर करें। सूर्योदय से सूर्यास्त तक व्रत करने से प्रभु राम की भक्त पर कृपा बनी रहती है।
क्या है पूजा विधि (Ram Navami 2024)
Ram Navami 2024 राम नवमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े धारण करने चाहिए। इसके बाद घर में पूजा स्थान या मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित करने चाहिए। फिर भगवान राम सहित अन्य देवी-देवताओं को स्वच्छ वस्त्र पहनाएं। भगवान राम की पूजा-अर्चना मध्य दोपहर में शुरू करनी चाहिए। भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी का पत्ता, फल और फूल अर्पित करें।
Ram Navami 2024 इसके बाद प्रभु राम को भोग लगाएं। इसके बाद श्री रामचरितमानस का पाठ करें या श्री राम के मंत्रों का जाप करें। पूजा के बाद भगवान राम की आरती अवश्य करें। जिन महिलाओं को संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही हो। ऐसी महिलाएं भगवान राम के बाल रूप की आराधना जरूर करें। श्रीराम जी की पूजा-अर्चना करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं. गौ, भूमि, वस्त्र आदि का दान करें।
नवमी का महत्व (Ram Navami 2024)
Ram Navami 2024 भगवान राम का जन्म वासंतिक नवरात्र के नौवें दिन हुआ था। श्रीराम मध्य दोपहर में कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए थे। भगवान राम के जन्म की इस तारीख का जिक्र रामायण और रामचरित मानस जैसे धर्मग्रंथों में किया गया है। श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे.भगवान राम ने अपने चरित्र, प्रजा के प्रति अपनी निष्ठा, वचनों को निभाने के दृढ़संकल्प और मर्यादित रहकर पुरुषोत्तम का दर्जा पाया था इसीलिए भगवान राम को आदिपुरुष भी कहा जाता है।
Ram Navami 2024 भगवान राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी नवरात्रि से जोड़कर देखी जाती है। ऐसा कहते हैं कि जिस वक्त श्री राम सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए युद्ध लड़ रहे थे। उस समय रावण पर विजय पाने के लिए भगवान श्री राम ने देवी दुर्गा का अनुष्ठान किया था। यह पूजा अनुष्ठान पूरे 9 दिनों तक चला था। इसके बाद मां दुर्गा ने भगवान श्री राम के सामने प्रकट होकर उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया था। 10वें दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर विजय हासिल की थी।