Khabarwala 24 News New Delhi: Ramlala Pran Pratistha अयोध्या में भव्य रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हो गया। श्रीराम की मनमोहक मूर्ति सबके सामने आ गई है। शानदार आभूषणों से सजी भगवान राम की मूर्ति के एक हाथ में उनका धनुष है और एक हाथ में बाण। आइए चलिए आपको श्रीराम के इस धनुष और बाण के बारे में विस्तार से बताते हैं। इसके साथ ही बताते हैं कि आखिर ये दोनों चीजें कितनी खास हैं और इनमें कितनी शक्ति है।
रामलला के हाथ में कौन सा धनुष (Ramlala Pran Pratistha)
भगवान राम के हाथों में जो धनुष है उसे कोदंड कहते हैं। बताया जाता है कि इस धनुष से छोड़ा गया बाण हमेशा लक्ष्य प्राप्त करता है। इससे जुड़ी एक कहानी यह है कि जब भगवान राम लंका पर चढ़ाई करने के लिए आगे बढ़ रहे थे तब समुद्र उनके रास्ते में बाधा बन रहा था। फिर श्रीराम ने इसी धनुष से एक तीर समुद्र पर चलाया और पूरे समुद्र का पानी सूख गया।
कौन सा है बाण (Ramlala Pran Pratistha)
बताते हैं कि भगवान राम के हाथ में जो बाण है उसे अमोघ बाण कहते हैं। ये बाण जब चलता है तो अपना लक्ष्य प्राप्त करके ही आता है। भगवान राम के तस्वीर में आपको यही बाण देखने को मिलता है।
आभूषण में लगें हैं ये रत्न (Ramlala Pran Pratistha)
श्रीराम की मूर्ति को जब आप ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि उनको सजाने के लिए बेहद शानदार आभूषणों का इस्तेमाल किया गया है। उनके सिर पर जो सोने और हीरे से बना मुकुट है उसके बीच में एक पन्ना का इस्तेमाल किया गया है। वहीं श्रीराम के माथे पर जो तिलक है उसे हीरे और माणिक्य से बनाया गया है। जबकि, कानों के जो कुंडल हैं उनमें मोती, पन्ना और माणिक्य का इस्तेमाल किया गया है। गले के हार में भी पन्ना, माणिक्य, मोती और हीरे का इस्तेमाल है।