Khabarwala 24 News New Delhi : Remedies For Jyeshtha Month हिंदू पंचांग का तीसरा महीना है ज्येष्ठ। इस महीने का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में मिलता है। इस महीने के स्वामी स्वयं भगवान विष्णु हैं। इस बार ये महीना मई और जून 2024 के बीच रहेगा। अंग्रेजी कैलेंडर की तरह ही हिंदू पंचांग के अंतर्गत भी एक साल को 12 महीनों में बांटा गया है। हिंदू पंचांग का तीसरा महीना है ज्येष्ठ। इस महीने का धार्मिक महत्व भी है। इस महीने में भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप से पूजा की जाती है। इस महीने में कईं प्रमुख त्योहार भी मनाए जाते हैं जैसे गंगा दशहरा, निर्जला एकादश, महेश नवमी आदि। इस बार ये महीना 24 मई, गुरुवार से शुरू हो रहा है, जो 22 जून, शनिवार तक रहेगा। इस महीने में कुछ खास उपाय किए जाएं तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आगे जानिए कौन-से हैं वो काम…
ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें (Remedies For Jyeshtha Month)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास में रोज सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए यानी अर्घ्य देना चाहिए। इस महीने में तांबे के लोटे से भगवान सूर्यदेव को जल चढ़ाने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है और साथ ही सूर्य से संबंधित दोष भी दूर होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में हो, उन्हें ये उपाय जरूर करना चाहिए। सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप भी करें।
भगवान विष्णु की पूजा का महत्व (Remedies For Jyeshtha Month)
ज्येष्ठ मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं, इसलिए इस महीने में इनकी पूजा का विशेष फल मिलता है। ज्येष्ठ मास में दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित ठंडा जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप भी करते रहें। ये उपाय करने से अपने भक्तों पर विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं। साथ ही इन्हें माखन-मिश्री और दही-मिश्री का भोग लगाएं।
उपाय दूर कर सकते हैं परेशानी (Remedies For Jyeshtha Month)
ज्येष्ठ मास में गर्मी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए इस महीने में ठंडी चीजें जैसे पानी, रस वाले फल, शर्बत आदि दान करने का भी विशेष महत्व है। इनके अलावा जिन लोगों के पास पहनने के लिए जूते-चप्पल न हो, उन्हें इन चीजों का दान करें। साथ ही ज्येष्ठ मास में किसी मंदिर के अन्नक्षेत्र में कच्चे अनाज जैसे गेहूं-चावल, दाल आदि चीजों का दान करें। ये छोटे-छोटे उपाय आपकी हर परेशानी दूर कर सकते हैं।