Sanjeev Jeeva Murder Khabarwala24News Lucknow: लखनऊ के दीवानी न्यायालय में मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर संजीव जीवा Sanjeev Jeeva की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस गोलीबारी में एक बच्ची और एक पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। जीवा भाजपा नेता स्वर्गीय ब्रम्हादत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपी भी था। संजीव जीवा कई संगीन अपराधों में शामिल रहा है। पश्चिमी यूपी का यह कुख्यात अपराधी था। कृष्णानंद राय की हत्या में भी संजीव का नाम आया। संजीव पर कई फिरौती और वसूली के भी केस हैं।
वकील की ड्रेस में कोर्ट पहुुंचा था हमलावर
संजीव जीवा Sanjeev Jeeva को एक क्रिमिनल केस में सुनवाई के लिए लखनऊ कोर्ट लाया गया था। उन पर कई अन्य आपराधिक मामले दर्ज थे। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि शूटर कोर्ट में वकीलों के रूप में पहुंचे और संजीव जीवा पर गोलियां चलाईं। लखनऊ कोर्ट परिसर में फायरिंग में संजीव जीवा की गोली लगने से मौत हुई। आपको बता दे कि हमलावर संजीव जीवा, जो कि एक खूंखार शूटर भी था। उसे मारने के बाद मौके से फरार होने में कामयाब रहे। हमले में एक पुलिस कांस्टेबल भी घायल हो गया और उसे इलाज के लिए लखनऊ सिविल अस्पताल भेजा गया है।
अपराध की दुनिया में आने से पहले कंपाउंडर था जीवा
इस बीच, शूटआउट के बाद लखनऊ कोर्ट में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बताया गया कि Sanjeev Jeeva संजीव जीवा ने एक कंपाउंडर के रूप में अपना करियर शुरू किया था। बताया गया कि उसने डिस्पेंसरी संचालक का ही अपहरण कर लिया था। इसके बाद वह खुद अपराध की दुनिया में डूब गया था। उन्हें मुन्ना बजरंगी का करीबी सहयोगी भी कहा जाता था। जिनकी 2018 में बागपत जेल में सजा काटने के दौरान हत्या कर दी गई थी।
जेल से गैंग चलाने का आरोप
संजीव जीवा Sanjeev Jeeva पर जेल से गैंग चलाने और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप था। पिछले कुछ सालों से संजीव जीवा अपनी पत्नी को राजनीति में स्थापित करने की कोशिश कर रहा था। जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने भी 2017 का विधानसभा चुनाव सदर सीट से रालोद में शामिल होकर लड़ा था।
लखनऊ जेल में बंद था संजीव जीवा
इस समय संजीव जीवा Sanjeev Jeeva लखनऊ जेल में बंद था। 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने अपना खौफ पैदा करना शुरू किया, फिर धीरे-धीरे वह पुलिस और आम लोगों के लिए सिरदर्द बन गया। इस घटना के बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण कर लिया और दो करोड़ की फिरौती मांगी था। उस समय किसी से दो करोड़ की फिरौती मांगना भी अपने आप में बहुत बड़ी बात थी। इसके बाद जीवा हरिद्वार के नाजिम गिरोह में शामिल हो गया और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ गया, लेकिन उसे अपना गिरोह बनाने की तड़प थी।
ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में भी शामिल था जीवा
भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में भी जीवा शामिल था। द्विवेदी की 10 फरवरी 1997 को लोहाई रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई ने लखनऊ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। 17 जुलाई 2003 को सीबाईआई कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय सिंह व जनपद शामली के गांव आमदपुर निवासी शूटर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।