Sanjeev Jeeva Murder Khabarwala24News Lucknow:संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का हत्यारोपी जौनपुर निवासी विजय यादव का कोई बड़ा आपराधिक इतिहास नहीं है। सरेआम विजय यादव ने हत्या की पहली संगीन वारदात ही कोर्ट परिसर में घुसकर अंजाम दिया। उसका निशाना भी सिर्फ और सिर्फ माफिया Sanjeev Jeeva संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा था। विजय यादव का एेसा अचूक निशाना था कि जायराम की दुनिया में हथियारों से दोस्ती रखने वाला कुख्यात जीवा ढेर हो गया। कोर्ट रूम में हुई शूट आउट की यह वारदात शूटर विजय यादव के दुस्साहस को लेकर भी कई बड़े सवाल खड़े करती है। जीवा से उसकी कौन सी ऐसी रंजिश थी, जिसके चलते उसने अपनी जान को जोखिम में डालकर इस संगीन वारदात को अंजाम दिया। एेसे ही कई सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही है। हालांकि अभी तक कुछ स्पष्ट नहींं हो सका है।
विदेशी रिवाल्वर से दिया गया वारदात को अंजाम
Sanjeev Jeeva संजीव जीवा हत्याकांड में एक सवाल उठ रहा है कि कहीं किसी ने विजय यादव के हाथों में विदेशी रिवाल्वर देकर अपना निशाना तो नहीं साध लिया। पुलिस के सामने यह भी सवाल है कि जीवा की मौत से सीधा और बड़ा फायदा किसे पहुंच सकता है। आपको बता दे कि माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी रहे संजीव माहेश्वरी जीवा की अपराध की दुनिया में कई बड़ों से दुश्मनी थी।
पंजाब के अपराधियों से थे कनेक्शन
माफिया मुख्तार अंसारी के विरोधियों की आंखों में Sanjeev Jeeva संजीव जीवा हमेशा चुभता रहा। संजीव मुख्तार के गैंग का सक्रिय सदस्य था। बताया गया कि जीवा का पंजाब के अपराधियों से भी सीधा कनेक्शन था। यह भी बताया जाता है कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय पर हमले के लिए मुख्तार अंसारी जब अत्याधुनिक असलहे जुटाने का प्रयास कर रहा था, तब जीवा ने पंजाब के असलहा तस्करों से कई हथियार लाकर मुख्तार को दिए थे। इसके बाद मुख्तार से उसके रिश्ते काफी बढ़ गए थे।
मुख्तार तक कैसे पहुंचा जीवा
बताया जाता है कि बागपत जेल में मारे जा चुके कुख्यात मुन्ना बजरंगी के जरिए मुख्तार तक पहुंचने के बाद Sanjeev Jeeva जीवा ने अपना अलग गिरोह बना लिया था। जीवा के दुश्मनों की कमी नहीं थी। सूत्रों का यह भी कहना है कि कुछ बेनामी संपत्तियों पर कब्जे को लेकर भी माफिया गिरोह के बीच खींचतान बढ़ी थी।