Khabarwala 24 News New Delhi : Saturns Affliction कर्मफलदाता शनि की पीड़ा से पृथ्वीवासियों में भय का माहौल रहता है, लेकिन ज्योतिष में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनसे शनि की पीड़ा को कम किया जा सकता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन को सबसे अधिक प्रभावित करने वाले ग्रहों में शनि, शुक्र, मंगल, गुरु, राहु और केतु हैं। फिलहाल 29 जून से 15 नवंबर 2024 तक कुंभ राशि में शनि वक्री हैं तो ऐसी राशियां जो शनि पीड़ा से परेशान हैं, उन्हें एक बार शनि के इन उपायों को खासतौर पर आजमाना चाहिए। ज्योतिषियों के अनुसार वक्री शनि की पीड़ा को कम करने और शुभ फल के लिए शनिवार से शुरू करके प्रतिदिन शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनि देव की पीड़ा से बचने के लिए शनि से प्रभावित व्यक्तियों को रोजाना वैदिक मंत्रों ऊँ शं शनैश्चराय नमः आदि का जाप करना चाहिए।
जाड़े में कंबल, जूता, काला तिल का दान (Saturns Affliction)
जिन लोगों के लिए जप करना अव्यावहारिक है, उन्हें शनिवार के दिन काले घोड़े को प्रतीकात्मक रूप से काले चने की दाल चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा शनिवार को शनि से जुड़ी चीजों जैसे जाड़े में कंबल, जूता, काला तिल आदि का दान भी शनि को प्रसन्न करता है और शनि पीड़ा से राहत मिलती है। मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भक्त को पीड़ा से राहत देते हैं।
ग्रह दोष पर नियमित बजरंग बाण का पाठ (Saturns Affliction)
यदि आपकी कुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष मौजूद है तो आपको नियमित रूप से सूर्योदय से पूर्व उठकर बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। इस दौरान आटे से बना दिया जलाना ना भूलें। ऐसा करके आप कुंडली में मौजूद दोषों को दूर करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। राहु केतु की महादशा में भी बजरंग बाण का पाठ राहत दिलाता है। भगवान शिव शनि देव के गुरु हैं, इसलिए उनकी पूजा से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं और शंकरजी के भक्तों को शुभ फल प्रदान करते हैं। इसलिए सोमवार को महादेव का अभिषेक कर बेलपत्र, धतुरा जरूर चढ़ाएं और ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।