SDM issued Summon to Governor Khabarwala 24 News Lucknow: यूपी के जनपद के बदायूं जिले में एसडीएम ने राज्यपाल के नाम समन जारी कर उन्हें हाजिर होने का आदेश दे दिया था। इस आदेश की प्रति सामने आते ही अफरा तफरी मच गई थी। इस मामले के बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के सचिव ने डीएम को पत्र भेजा था, जिसमें चेतावनी दी गई थी। अब शासन ने समन जारी करने वाले एसडीएम को सस्पेंड कर दिया है। उधर डीएम बदायूं ने पेशकार को निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, बदायूं की सदर तहसील के एसडीएम ने अपने न्यायिक कोर्ट से विधि व्यवस्थाओं को नजर अंदाज करते हुए राज्यपाल के नाम समन 18 अक्टूबर को जारी कर दिया था। इसमें एसडीएम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर होने का आदेश दिया गया था। इसके बाद राज्यपाल के सचिव ने ब्रदीनाथ सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया।
इस पत्र में कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता। इसमें अनुच्छेद 361 का उल्लंघन मानते हुए आपत्ति दर्ज कराई गई थी और डीएम से इस मामले में हस्तक्षेप कर नियमानुसार पक्ष रखने और नोटिस जारी करने वाले के संबंध में जरूरी कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। अब शासन ने नोटिस जारी करने वाले एसडीएम को सस्पेंड कर दिया है।
जानिए क्या था पूरा मामला ?(SDM issued Summon to Governor )
बदायूं के ग्राम लोड़ा बहेड़ी के रहने वाले चंद्रहास ने सदर तहसील के SDM, न्यायिक कोर्ट में विपक्षी पक्षकार के रूप में लेखराज, पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारी व राज्यपाल को पक्षकार बनाते हुए बाद दायर किया था। SDMकोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक, चंद्रहास की चाची कटोरी देवी की संपत्ति उनके एक रिश्तेदार ने अपने नाम दर्ज करा ली थी। इसके बाद उसको लेखराज के नाम बेच दिया गया।
जमीन का कर लिया था अधिग्रहण (SDM issued Summon to Governor )
कुछ दिन बाद बदायूं बाईपास स्थित ग्राम बहेड़ी के समीप उक्त जमीन का कुछ हिस्सा शासन द्वारा अधिग्रहण किया गया। उस संपत्ति के अधिग्रहण होने के बाद लेखराज को शासन से करीब 12 लाख रुपये का मुआवजा मिला था। इसकी जानकारी होने पर कटोरी देवी के भतीजे चंद्रहास ने सदर तहसील के न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका दायर कर दी।
इस याचिका पर एसडीएम न्यायिक विनीत कुमार की कोर्ट से लेखराज व प्रदेश के राज्यपाल को 7 अक्टूबर को धारा 144 राज्य संहिता के तहत एक समन जारी किया गया, जो 10 अक्टूबर को राजभवन पहुंचा। समन में राज्यपाल को 18 अक्टूबर को एसडीएम न्यायिक की कोर्ट में हाजिर होने और अपना पक्ष रखने को कहा गया था।