Khabarwala 24 News Meerut : BSP बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी शमशुद्दीन राइन की मारपीट के मामले में मुश्किलें कम नहीं हो रहीं हैं। पूर्व मंडल कोआर्डिनेटर अनिल प्रधान एडवोकेट के साथ की गई मारपीट मामले में उनकी परेशानी बढ़ रही है। उनके अधिवक्ता ने गैर जमानती वारंट के खिलाफ जो अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी, उसे खारिज कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला (BSP)
यादगारपुर निवासी अनिल प्रधान एडवोकेट ने 28 अप्रैल 2022 को नौचंदी थाने में BSP बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी शमशुद्दीन राइन, सतपाल पेपला, मोहित जाटव, दिनेश काजीपुर, विकास रोहटा के अलावा 15-20 अज्ञात लोगों पर मारपीट, जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने और गाली-गलौज करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने वादी पक्ष के बयान दर्ज किए। शमशुद्दीन राइन को भी बुलाया गया लेकिन वह नहीं पहुंचे।
बताया गया कि पुलिस ने एक के बाद एक पांच नोटिस जारी किए। इसके बाद भी वह पुलिस से दूरी बनाते रहे। 21 सितंबर को कोर्ट ने शमशुद्दीन राइन के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। 18 अक्टूबर तक उन्हें पेश करने की हिदायत दी।
अब शमशुद्दीन राईन की गिरफ्तारी और संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए हैं। गैर जमानती वारंट जारी होने पर भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। सुनवाई के दौरान अदालत पुलिस से नाराज रही। अदालत ने आदेश देते हुए कहा कि संपत्ति की कुर्की और गिरफ्तारी की जाए।
