Sunday, July 7, 2024

Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि

Join whatsapp channel Join Now
Folow Google News Join Now

Shardiya Navrayri Khabarwala 24 News New Delhi: मां कालरात्रि नवदुर्गा का सातवां स्वरूप हैं। शारदीय नवरात्रि का सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना होती है। मां कालरात्रि त्री नेत्रधारी हैं। इनके गले में विद्युत की अद्भुत माला है। मां के हाथों में खड्ग और कांटा है। गधा देवी का वाहन है। मां कालरात्रि भक्तों का हमेशा कल्याण करती हैं, इसलिए इन्हें शुभंकरी भी कहते हैं। मां की उपासना से जीवन के सारे दुख-संकट दूर हो सकते हैं।

पूजा मुहूर्त

शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 20 अक्टूबर की रात 11 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और समापन 21 अक्टूबर की रात 9 बजकर 53 मिनट पर होगा। इस दिन त्रिपुष्कर योग रात 7 बजकर 54 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में मां कालरात्रि की उपासना की जा सकती है।

पूजा विधि

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि के समक्ष घी का दीपक जलाएं। देवी को लाल फूल अर्पित करें। इसके साथ ही गुड़ का भोग लगाएं। देवी मां के मंत्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें। फिर लगाए गए गुड़ का आधा भाग परिवार में वितरित करें। बाकी आधा गुड़ किसी ब्राह्मण को दान कर दें।

विरोधी और शत्रु शांत होंगे

श्वेत या लाल वस्त्र धारण करके रात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करें। मां के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें गुड का भोग लगाएं। इसके बाद 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएं और एक एक लौंग चढ़ाते जाएं. नवार्ण मंत्र है – “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे.” उन 108 लौंग को इकठ्ठा करके अग्नि में डाल दें। आपके विरोधी और शत्रु शांत होंगे।

मां की कथा

कथा के अनुसार दैत्य शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा रखा था। इससे चिंतित होकर सभी देवतागण भगवान शिव के पास गए। शिवजी ने देवी पार्वती से राक्षसों का वध कर अपने भक्तों की रक्षा करने को कहा। शिव जी की बात मानकर पार्वती जी ने दुर्गा का रूप धारण किया और शुंभ-निशुंभ का वध कर दिया। लेकिन जैसे ही दुर्गा जी ने रक्तबीज को मारा उसके शरीर से निकले रक्त से लाखों रक्तबीज उत्पन्न हो गए। इसे देख मां दुर्गा ने अपने तेज से कालरात्रि को उत्पन्न किया। इसके बाद जब दुर्गा जी ने रक्तबीज को मारा तो उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को कालरात्रि ने अपने मुख में भर लिया और सबका गला काटते हुए रक्तबीज का वध कर दिया।

Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि Shardiya Navrayri नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, जानिए क्या है पूजन की विधि

यह भी पढ़ें...

latest news

Join whatsapp channel Join Now
Folow Google News Join Now

Live Cricket Score

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Live Cricket Score

Latest Articles

error: Content is protected !!