Smart phone vision syndrome Khabarwala24News News Delhi: इस दौड़ भाग वाली जिंदगी में स्मार्ट फोन हर किसी की जरूरत बन रही है। लेकिन स्मार्ट फोन देखते रहने की लत कई मायनों में हानिकारक हो सकती है। दिनभर फोन देखते हैं या नोटिफिकेशन आते ही चैक करना एंजाइटी बढ़ाता है। इतना ही नहीं इस फोन की लत से अधिकांश लोग सोशल साइट्स पर हैं लेकिन सोशली पूरी तरह कट चुके हैं। कई लोगों को तो यह भी पता कि उनके पड़ोस, कालोनी में क्या चल रहा है। दिन भर या दिन के ज्यादा से ज्यादा समय फोन चलाने से फिटनेस और रीढ़ की हड्डी दोनों पर इसका असर पड़ रहा है। लगातार फोन देखते रहने से जो एक समस्या आम हो चली है वो है स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम।
आइए जानते हैं क्या है स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम?
यह एक ऐसी समस्या है जो आंखों को लगातार अपनी चपेट में लेने के साथ साथ विशेषज्ञों की चिंता का कारण भी बनी है। अधिकांश नेत्र विशेषज्ञों की राय है कि लगातार फोन की स्क्रिन देखने से युवा आबादी इस सिंड्रोम की शिकार हो रही है। इस समस्या ने गंभीर रूप लिया तो ये आंखों की देखने की क्षमता पर भी असर डाल सकती है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि देश की 70 फीसदी युवा आबादी को इसका खतरा हो सकता है। इसलिए संभलने की बहुत आवश्यकता है।
धुंधला दिखने लगता है
यह परेशानी तब होती है जब आखों की मसल्स ज्यादा काम करने से थक जाती हैं और उनमें दर्द होने लगता है।स्क्रीन से आने वाली नीली रोशनी की वजह से आंखों के रेटिना को नुकसान होता है। इसके अलावा लगातार चमकीली स्क्रिन देखने से ड्राई आइज होना और धुंधला धुंधला दिखाई देना भी आम समस्या बन जाता है.।आंखों में थकान होने की शिकायत भी काफी बनी रहती है
सिंड्रोम से कैसे बचा जाए ?
-इस सिंड्रोम से आंखों को बचाने का कारगर तरीका है स्क्रीन से ब्रेक लेना। लगातार स्क्रीन देखने की जगह कम से कम बीस मिनट के अंतराल पर आंखों को ब्रेक जरूर दें।
-बहुत अंधेरे में या लाइट ऑफ कर स्मार्ट फोन देखने की आदत तुरंत बंद कर दें.
-लंबे समय तक स्क्रीन देखना मजबूरी है तो ब्लू रे चश्मा जरूर बनवा लें.
-डिजिटल टाइम मैनेज करें। लगातार एक या दो घंटे स्क्रीन देखने से बचें। प्रयास करें की सक्रीन को आवश्यकता के अनुसार ही देखे। ये भी ध्यान रखें कि फोन ज्यादा नजदीक से न देखें
-स्मार्ट फोन और आंखों के बीच कम से कम बीस सेंटीमीटर का फासला जरूर रखें।