Khabarwala 24 News Hapur: SSV College राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की उपलक्ष में एसएसवी कॉलेज में चल रहे विज्ञान महोत्सव के दूसरे दिन डाक्टर संगीता अग्रवाल और डॉ. मानवेंद्र सिंह बघेल ने पानी की गुणवत्ता का जांच करवाई। जिसके अंतर्गत पानी की कठोरता, लोह-तत्व, नाइट्रेट, क्लोराइड, टर्बिडिटी, क्षारकता की जांच कराई गई।
‘आरओ’ के पानी के नमूनों की जांच की (SSV College)
पानी के विश्लेषण में बीएससी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ऋषभ शर्मा, प्रेम भारद्वाज, यशी जिंदल, आयुषी शर्मा, शिवांगी, कनिका व कल्पना सैनी तथा एमएससी के प्रियांशु शर्मा, अवसार व रोहन आदि ने सहयोग किया। पानी के नमूने हापुड़ के मुदाफरा, परतापुर पिलखुवा, कस्तला-कासमाबाद, चितौली, अर्जुन नगर तथा एसएसवी पीजी कॉलेज के भौतिक व गणित विभाग से लिए गए। पानी के नमूने सबमर्सिबल पम्प, हैंड पम्,प ट्यूबवेल, नगर पालिका के स्रोतों से पानी को मंगवाया गया था। कुछ नमूने ‘आरओ’ के पानी के भी लिए गए। क्योंकि भारत मे आजकल के जीवन में ‘आरओ’ का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है।
जांच में नहीं पाए गए लोहे तत्व (SSV College)
आजकल चाहे वह गांव हों या शहर सभी में बिना पानी का जांच किए लोग आरओ सिस्टम लगवा लेते हैं और टीडीएस को बहुत नीचे स्तर तक पिया जा रहा है, जो कि सेहत के लिए स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। पानी की गुणवत्ता को जांचने के उपरांत पता चला कि जो पीने योग्य सीमाएं निर्धारित की गई है वह अधिकतर नमूनों में दी गई सीमा से इतर पाई गई। लोह-तत्व किसी भी पानी के नमूने में नहीं पाया गया। फ्लोराइड की मात्रा अर्जुन नगर, कस्तला-कस्माबाद, परतापुर के क्षेत्र में असुरक्षित सीमा में पाई गई। जबकि कठोरता भी लगभग सभी नमूनों में पाई गई जिसको दूर करके ही पानी पीने के लिए सुझाव दिया गया। नाइट्रेट की मात्रा भी लगभग सभी नमूनों में सीमा से ज्यादा मात्रा पाई गई। केवल पिलखुवा से जो सबमर्सिबल का पानी लाया गया था उसमे नाइट्रेट नहीं पाया गया।
पानी की गुणवत्ता की जांच करवाने का उद्देश्य भी यही है। चूंकि पानी जीवन का आधार है अतः उसका स्वच्छ होने के साथ-साथ खनिज युक्त भी होना चाहिए। इस गुणवत्ता जांच के दौरान रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. संजय भारद्वाज भी उपस्थित रहे।