Khabarwala 24 News New Delhi : Taliban Decree अफगानिस्तान में महिलाओं को कैद करने और उनकी आजादी छीनने के लिए तालिबानी सरकार हर वो काम कर रही है, जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन जाती है। एक तरफ जहां ईरान ने हिजाब के नियमों पर रोक लगा दी है तो दूसरी तरफ तालिबानी सरकार एक के बाद एक तुगलगी फरमान जारी कर रही है। तालिबान हमेशा महिलाओं को लेकर अपने अजीबोगरीब फरमानों को लेकर चर्चा में रहता है। वहीं एक बार फिर तालिबान की ओर से महिलाओं के लिए एक फरमान जारी किया गया है।
तालिबान के सर्वोच्च नेता ने जारी किया आदेश (Taliban Decree)
दरअसल, हम आपको बता दें कि, तालिबान के सर्वोच्च नेता ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने आवासीय भवनों में खिड़कियों के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान सरकार के प्रवक्ता की ओर से शनिवार देर रात जारी एक बयान के अनुसार, नई इमारतों में ऐसी खिड़कियां नहीं होनी चाहिए, जिनसे “आंगन, रसोई, पड़ोसी का कुआं और महिलाओं द्वारा आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य स्थान” दिखाई दें।
महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों से हटाया गया (Taliban Decree)
सरकारी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए फरमान के अनुसार, महिलाओं को रसोई, आंगन या कुएं से पानी भरते देखना अश्लील हरकतों को बढ़ावा दे सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने सवाल उठाए थे अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से, महिलाओं को धीरे-धीरे सार्वजनिक स्थानों से हटा दिया गया है, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र ने प्रशासन द्वारा स्थापित “लैंगिक रंगभेद” की निंदा की है।
अधिकारियों को करनी होगी स्थलों की निगरानी (Taliban Decree)
नगर निगम के अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों को निर्माण स्थलों की निगरानी करनी होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पड़ोसियों के घरों में झांकना संभव न हो। तालिबान अधिकारियों ने लड़कियों और महिलाओं के लिए प्राथमिक शिक्षा के बाद प्रतिबंध लगा दिया है, महिलाओं को काम करने की भी मनाही है, अर्थात महिलाएं कहीं भी घरों से बाहर निकलकर रोजगार नहीं कर सकती है। महिलाओं को पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों तक पहुचंने पर भी पाबंदी है।
महिलाओं के गाने पर भी लगाया गया है प्रतिबंध (Taliban Decree)
महिलाओं को गाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। तालिबान सरकार के इस्लामी कानून के सख्त प्रवर्तन के हिस्से के रूप में, हाल ही में एक कानून महिलाओं को गाने या कविता पढ़ने से रोकता है। यह उन्हें घर के बाहर शरीर को “ढकने” के लिए भी प्रोत्साहित करता है। कुछ रेडियो और टेलीविजन स्टेशनों ने भी महिलाओं की आवाज का प्रसारण बंद कर दिया है। तालिबान प्रशासन का दावा है कि इस्लामी कानून अफगान पुरुषों और महिलाओं के अधिकारों की “गारंटी” देता है।